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मच्छरजनित बीमारियों को लेकर प्रशासन ने कसी कमर

मच्छर के लार्वा खानेवाली मछलियों के पालन की परियोजनाकी समीक्षा जिले के निजी डाग्नोस्टिक सेंटरों में रक्त जांच पर नजररखी जायेगी जलपाईगुड़ी : जिले में डेंगू, मलेरिया और एंसेफेलाइटिस जैसे मच्छरों से होनेवाले रोगों से मुकाबले के लिए प्रशासन की तरफ से गप्पी व गाम्बुशिया मछलियों के पालन की पहल की गयी थी. हालांकि पिछले […]

मच्छर के लार्वा खानेवाली मछलियों के पालन की परियोजनाकी समीक्षा

जिले के निजी डाग्नोस्टिक सेंटरों में रक्त जांच पर नजररखी जायेगी
जलपाईगुड़ी : जिले में डेंगू, मलेरिया और एंसेफेलाइटिस जैसे मच्छरों से होनेवाले रोगों से मुकाबले के लिए प्रशासन की तरफ से गप्पी व गाम्बुशिया मछलियों के पालन की पहल की गयी थी. हालांकि पिछले साल किये गये उपाय से उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली. इसीलिए इस बार बरसात के पहले रोग-प्रतिरोध के लिए गुरुवार को जिला स्तरीय प्रशासनिक बैठक की गई.
जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में जलपाईगुड़ी जिले की तीन नगरपालिकाओं और सात प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति रही. जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, डेंगू के प्रकोप से बचाव के लिए पिछले साल की तरह इस साल भी एहतियाती कदम उठाये जायेंगे. इसमें मच्छरों के लार्वा खानेवाली मछलियों का पालन भी शामिल है.
उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी जिले में पिछले साल डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 375 थी. इनमें से सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में 225, राजगंज में 48, जलपाईगुड़ी नगरपालिका क्षेत्र में 22, जलपाईगुड़ी सदर ब्लॉक में 25, मालबाजार में 21, धूपगुड़ी में 17, मयनागुड़ी में 10, नागराकाटा में दो और मेटेली में पांच मरीजों के रक्त में डेंगू के विषाणु मिले थे. जलपाईगुड़ी जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पिछले साल जिले में डेंगू से किसी मरीज की मौत नहीं हुई.
सूत्र के अनुसार, बैठक में गप्पी व गाम्बुशिया मछलियों के पालन के काम को रफ्तार देने के लिए मत्स्य विभाग को निर्देश दिये गये हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर जिला स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 62 लाख रोग-प्रतिरोधक मछलियों के जीरे छोड़ने की बात थी, लेकिन मत्स्य विभाग ने मात्र साढ़े तीन लाख मछलियों के जीरे छोड़े हैं. जिले के एडीएम मलय हालदार ने बताया कि मत्स्य विभाग के मछलियों के जीरे जल्द छोड़ने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा जिले में संक्रामक रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया.
जिले के उप-मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी-2 देवाशीष सरकार ने बताया कि इस बार मछली पालन के अलावा जिले के गैरसरकारी डाग्नोस्टिक सेंटर पर रक्त जांच को लेकर विशेष निगरानी रखी जायेगी. इन केद्रों को रक्त जांच के दो-दो नमूने संग्रह करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के जलपाईगुड़ी से संबंधित वार्ड नंबर 31 से लेकर 44 में जरूरी उपाय करने के लिए निगम प्रशासन को कहा गया है. इसके अलावा धूपगुड़ी नगरपालिका क्षेत्र में डंपिंग ग्राउंड के नहीं होने से संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ गयी है.

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