नॉर्मल डिलिवरी के दौरान प्रसूता के पेट पर लात मारने का आरोप
बालुरघाट : एक प्रसूता के साथ ज्यादती की शिकायत दर्ज होने के बाद कर्तव्यरत डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है. महिला ने जिस शिशु को जन्म दिया था उसकी कुछ ही घंटों में मौत हो गयी. इस घटना को लेकर गुरुवार को बालुरघाट सुपर स्पेशलियटी अस्पताल में मरीज के परिजनों ने हंगामा मचाने के अलावा आरोपी चिकित्सक के खिलाफ अस्पताल अधीक्षक के पास लिखित शिकायत दर्ज करायी है.
जानकारी मिलने पर चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिये बालुरघाट थाने से विशाल पुलिस बल पहुंचा जिसने स्थिति को भरसक संभालने का प्रयास किया. वहीं, सीएमओ पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं. घटनास्थल पर डीएसपी (मुख्यालय) धीमान मित्र और बालुरघाट थाना के आईसी जयंत दत्त भारी पुलिस बल के साथ कैम्प कर रहे हैं. आरोप है कि प्रसूता वृष्टि महंत का नॉर्मल डेलिवरी कराने के नाम पर उनके पेट पर लात और थप्पड़ की बौछार की गयी है. रोंगटे खड़ी करने वाले इस आरोप के बाद अस्पताल में तनाव बना हुआ है.
जानकारी के अनुसार, कुमारगंज थानांतर्गत गोविंदपुर के मुंगलिशपुर ग्राम पंचायत के पालपाड़ा के निवासी जयदेव पाल पेशे से व्यवसायी हैं. बीते 27 मई अर्थात सोमवार की रात दो बजे के करीब उनकी पत्नी वृष्टि महंत को प्रसव पीड़ा के बाद सुपर स्पेशलियटी अस्पताल में भर्ती किया गया. उस समय उनका प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी. उधर, घर लौटने के बाद फिर से उन्हें प्रसव पीड़ा शुरु हो गयी जिसके बाद उसी रात उन्हें फिर भर्ती किया गया. आरोप है कि नॉर्मल डेलिवरी के नाम पर प्रसूता के पेट पर स्वास्थ्यकर्मियों ने लात मारने के अलावा थप्पड़ भी मारे.
लेकिन उससे भी महिला जन्म नहीं दे सकी जिसके बाद महिला का ऑपरेशन किया गया जिसके बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया. हालांकि नवजात की शारीरिक हालत अत्यंत नाजुक थी. बच्चे का इलाज चाइल्ड केयर यूनिट में चल रहा था. इस बीच बुधवार की रात को प्रसूता के साथ ज्यादती की शिकायत सीएमओ से की गी. गुरुवार को नवजात की मौत हो गयी जिसके बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया.
हालात की नजाकत को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गयी जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा. परिजनों ने दोषी चिकित्सक को कड़ी सजा दिलाने की मांग की. इस बीच आरोपों के बीच आरोपी चिकित्सक डॉ. अरुप दे को सस्पेंड कर दिया गया है. इनके खिलाफ ऐसे कई मामले हैं. उधर, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर पुराने अस्पताल भवन, सुपर स्पेशलियटी अस्पताल और जिला स्वास्थ्य भवन के सामने पुलिस पिकेट बैठायी गयी है.
प्रसूता के पति जयदेव पाल ने बताया कि सोमवार की रात दो बजे उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा के साथ भर्ती कराया गया. उसके बाद सुबह सात बजे उन्हें छुट्टी दे दी गयी. उसी रोज दोपहर एक बजे फिर उन्हें भर्ती कराना पड़ा. नॉर्मल डेलिवरी के नाम पर उनकी पत्नी के साथ मारपीट की गयी है. उनका बच्चा भी जन्म के साथ ही अस्वस्थ था. चिकित्सकों ने बताया कि गर्भाशय का द्रव बच्चे के मुंह में चला गया है जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
आज तड़के उसकी मौत हो गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही के चलते ही उसकी संतान आज दुनिया में आने से पहले ही विदा हो गया. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये. उधर, सीएमओ सुकुमार दे ने पूरे घटनाक्रम की छानबीन करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि बुधवार को ही उन्हें लिखित शिकायत मिली है.