समतल और पहाड़ में कोई भेदभाव नहीं
शांति से ही सबका विकास संभव
केंद्र सरकार और पीएम पर भी कसा तंज
झूठ बोलनेवाले चौकीदार को कोई सम्मान नहीं
सिलीगुड़ी : दिल्ली के कुछ नेताओं ने पहाड़ व समतल के बीच विवाद खड़ा किया. पहाड़ पर दंगा और आग लगाने की साजिश रची, जिसे उन्होंने फेल कर दिया. पहाड़ पर अब शांति है. पहाड़ और समतल के बीच कोई भेदभाव नहीं है. दरअसल पहाड़ और समतल के बीच भेदभाव होना भी नहीं चाहिए. यदि ऐसा होता है, तो विकास संभव नहीं है.
वास्तविकता यह है कि पहाड़ के बिना समतल भी अधूरा है, इसलिए पहाड़ और समतल के लोगों को एक साथ मिलकर रहना है. ये बातें मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहीं. वह शुक्रवार को सिलीगुड़ी के निकट नक्सलबाड़ी में लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग संसदीय सीट से तृणमूल उम्मीदवार अमर सिंह राई के समर्थन में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहीं थी.
इस जनसभा में गोजमुमो नेता व जीटीए चीफ विनय तमांग, राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव आदि उपस्थित थे. उन्होंने इस मौके पर भाजपा व केंद्र सरकार पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने पहाड़ पर आग लगाने के अलावा कुछ भी नहीं किया. उन्होंने आंदोलन को उकसाया और पहाड़ पर अशांति पैदा की. बड़ी मुश्किल से पहाड़ पर शांति आयी है.
अब एक बार फिर से पहाड़ को अशांत करने की साजिश रची जा रही है, जिसे वह कामयाब नहीं होने देंगी. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पूरे देश के साथ-साथ दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के लिए भी कुछ भी नहीं किया. 2014 में नरेंद्र मोदी सिलीगुड़ी आये थे. उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य देने का वादा किया था. लेकिन कहां दिया. वह अपने तमाम वादे पूरे करने में विफल रहे.
भाजपा ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद दार्जिलिंग तथा उत्तर बंगाल के सभी बंद चाय बागानों को खुलवा देंगे. भाजपा नीत केंद्र सरकार ने कई चाय बागानों के अधिग्रहण की भी घोषणा की थी, लेकिन उनकी तमाम घोषणाएं धरी की धरी रह गयीं. भाजपा यहां दिल्ली से नेताओं को चुनाव जीतने के लिए भेजती है. लेकिन जब एक बार वे जीत जाते हैं, तो दोबारा दार्जिलिंग झांकने तक नहीं आते.
इससे पहले पहाड़ पर कितनी अशांति थी. भाजपा सांसद उस समय पहाड़ की समस्या को देखने तक नहीं पहुंचे. अब एक बार फिर से दिल्ली से भाजपा ने उम्मीदवार भेजा है. यह भी यदि चुनाव जीतते हैं, तो दोबारा दार्जिलिंग ताकने नहीं आयेंगे. सीएम ने कहा कि अमर सिंह राई भूमिपुत्र हैं. पहाड़ के लोगों की मांग भूमिपुत्र को उम्मीदवार बनाने की थी. उनकी मांग उन्होंने मान ली है. तृणमूल कांग्रेस ने भूमिपुत्र को मैदान में उतारा है. ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री के ‘मैं भी चौकीदार’ नारे की भी खिल्ली उड़ायी.
उन्होंने कहा वह असली चौकीदार का सम्मान करती हैं. लेकिन नकली व झूठ बोलनेवाले चौकीदारों का कोई सम्मान नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी झूठ बोलनेवाले चौकीदार हैं. वह झूठ बोलने तथा लोगों को बरगलाने के अलावा कुछ भी नहीं कर रहे. ऐसा चौकीदार देश को नहीं चाहिए. सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कई वादे किये थे. प्रधानमंत्री एक भी वादे पर खरे नहीं उतरे.
अब जब एक बार लोकसभा चुनाव फिर सामने हैं तो प्रधानमंत्री झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सिलीगुड़ी सहित दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र का उन्होंने सत्ता में आने के बाद काफी विकास किया है. बंगाल सफारी पार्क का निर्माण हुआ है. भोरेर आलो परियोजना पर्यटन की सबसे बड़ी परियोजना है.
वह सिर्फ विकास की राजनीति करती हैं. जबकि भाजपा एवं अन्य विरोधी दल विकास की राजनीति नहीं बल्कि भेदभाव की राजनीति में भरोसा रखती है. भाजपा के साथ-साथ माकपा एवं कांग्रेस पहाड़ को जलाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने विरोधियों को कुचलने का काम कर रही है. केंद्रीय एजेंसियों की मदद से विरोधी पार्टी के नेताओं को डराया धमकाया जा रहा है. लेकिन वह भाजपा की इन धमकियों से डरनेवाली नहीं हैं. वह किसी भी कीमत पर भाजपा का विरोध करेंगी.