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लोकसभा चुनाव में आरवी राई होंगे क्रामाकपा के उम्मीदवार
दार्जिलिंग : क्रामाकपा की ओर से दार्जिलिंग लोकसभा चुनाव के लिये उम्मीदवार के तौर पर आरवी राई का नाम घोषित किया है. शहर के तामांग गुम्बा रोड स्थित क्रामाकपा केन्द्रीय कार्यालय में रविवार को क्रामाकपा केन्द्रीय परिषद की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में देश, राज्य और पहाड़ की वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा की […]
दार्जिलिंग : क्रामाकपा की ओर से दार्जिलिंग लोकसभा चुनाव के लिये उम्मीदवार के तौर पर आरवी राई का नाम घोषित किया है. शहर के तामांग गुम्बा रोड स्थित क्रामाकपा केन्द्रीय कार्यालय में रविवार को क्रामाकपा केन्द्रीय परिषद की बैठक आयोजित की गयी.
बैठक में देश, राज्य और पहाड़ की वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा की गयी. जिसमें लोकसभा चुनाव के लिये दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से पार्टी अध्यक्ष आरवी राई के नाम का चयन किया गया. इसकी जानकारी पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता गोविंद छेत्री दी.
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये क्रामाकपा के केन्द्रीय प्रवक्ता श्री छेत्री ने कहा कि पार्टी अभी भी संयुक्त उम्मीदवार के पक्ष में है. संयुक्त उम्मीदवार के लिये अभी तक योग्य एवं ईमानदार उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं होने की स्थिति में पार्टी अध्यक्ष आरवी राई को मनोनित किया है.
यदि अन्य राजनैतिक दलों की ओर से योग्य एवं ईमानदार उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाती है तो क्रामाकपा अपने निर्णय को वापस ले लेगी.
उन्होंने कहा कि संयुक्त उम्मीदवार के लिये पिछले काफी दिनों से लगातार बैठक एवं सभा की जा रही थी. लेकिन उम्मीदवार की घोषणा पर सहमति नहीं हो पायी है.
क्रामाकपा नामांकन वापसी लेने के अंतिम दिनों तक ईमानदार एवं योग्य संयुक्त उम्मीदवार की प्रतीक्षा करेगी. उन्होंने कहा कि क्रामाकपा का चुनावी मुद्दा गणतंत्र की बहाली, गोर्खाओं के लिये संवैधानिक व्यवस्था, जातीय पहचान, राजनीतिक सुरक्षा हो.
एक प्रश्न के जवाब में श्री छेत्री ने कहा कि तृणमूल और भाजपा पर विश्वास नहीं किया जा सकता. पिछले 2009 और 2014 में पहाड़ के मतदाताओं ने भाजपा को दो-दो बार सांसद बनाया. लेकिन 2017 में हुये आंदोलन के दौरान 13 लोग शहीद हो गये थे. उस दौरान दार्जिलिंग सांसद चुपचाप बैठे रहे.
उन्होंने कहा कि जिनलोगों ने गोली मारकर 13 लोगों को शहीद बनाया. उन्हीं लोगो को राज्य की तृणमूल सरकार ने पुस्कार प्रदान किया है. इसलिये भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया जायेगा.
वहीं क्रामाकपा के उम्मीदवार और पार्टी अध्यक्ष आरवी राई ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये कहा कि पार्टी ने उनको उम्मीदवार के रूप में मनोनीत किया है, इसके लिये आभार प्रकट करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौपी है, उसको ईमानदारी पूर्वक पालन किया जायेगा.
नेपाली भाषा की मान्यता के दौरान हुये घटनाओं का स्मरण करते हुये श्री राई ने कहा कि नेपाली भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग हमलोगों ने कई बार संसद में उठाया था.
लेकिन हमारी आवाज को दबाया जा जाता थाय एक दिन मैंने इन बातों को देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों से आये हुये सांसदों के साथ विचार-विमर्श किया. उस वक्त हमलोगों ने सभी सांसदों के घर-घर जाकर समर्थन की गुहार लगायी थी, जो सफल हुआ और संसद में नेपाली भाषा को संवैधानिक मान्यता देने का प्रस्ताव पारित हुआ.
दार्जिलिंग समस्या के समाधान के लिये उपायों का ढ़ूंढना जरूरी है. 1989 में माकपा के एक राज्यसभा सांसद के गुजर जाने के बाद आरवी राई को चयन किया गया था. आरवी राई दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे. इसके बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग लोकसभा समष्टि से आरवी राई को माकपा ने पार्टी उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत ङी हासिल की थी.
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