सिलीगुड़ी: केन्द्र में सत्ता में आने से पहले नरेन्द्र मोदी ने अच्छे दिन आने वाले हैं का जम कर प्रचार-प्रसार किया था. उनके इस नारे का लोगों पर जादुई असर हुआ और वह भारी बहुमत से सत्ता में आ गये. उनके सत्ता में आये हुए एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अच्छे दिन के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं. पहले रेल किराये में वृद्धि हुई और अब लगातार बढ़ती महंगाई से लोगों के अच्छे दिन का सपना एक तरह से हवा हो गया है.
सिलीगुड़ी में सब्जी के बाजार में मानो इन दिनों आग लगी हुई है. हर सब्जी के भाव काफी बढ़ गये हैं और आम लोगों का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. खासकर आलू और प्याज के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
प्याज के दाम हर दिन बढ़ रहे हैं. पिछले चार दिनों में ही सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों में प्याज की कीमत 30 रुपये प्रति किलो के पार चला गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन दिनों पहले सिलीगुड़ी में प्याज की कीमत 20 रुपये प्रति किलो के आसपास थी. दूसरे दिन कीमत में पांच रुपये की बढ़ोत्तरी हो गई और यह 25 रुपये किलो तक पहुंच गया. उसके बाद और दो दिनों में पांच रुपये बढ़ गये. वर्तमान में सिलीगुड़ी के विभिन्न सब्जी बाजारों में प्याज की कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलो है. आने वाले दिनों में इसकी कीमत और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है. मिलनपल्ली सब्जी बाजार में एक गृहिणी उषा सिंह ने बताया कि सब्जी के कीमतों में काफी वृद्धि हो गई है जिससे घर चलाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोसते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले नरेन्द्र मोदी ने अनेक वादे किये थे, लेकिन उनके वादे धरे के धरे रह गये हैं. इस बीच, आलू के भाव में भी काफी वृद्धि हुई है.
सिलीगुड़ी में आलू की कीमत 20 से 25 रुपये प्रति किलो है. राज्य सरकार ने आलू की कीमत 14 रुपये प्रति किलो निर्धारित कर दी है. लेकिन इसका कोई भी असर यहां के दुकानदारों पर नहीं पड़ा है. पूरे बाजार में कहीं भी 14 रुपये किलो की दर से आलू उपलब्ध नहीं है. राज्य सरकार ने अपनी ओर से आलू की कीमत तो निर्धारित कर दी, लेकिन इसको कारगर रूप से लागू करने के लिए किसी भी प्रकार की कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की. सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों में सब्जी बिक्रेता बेलगाम हो गये हैं. अगर कोई 14 रुपये किलो आलू देने के सरकार निर्देश की बात कर ले, तो उनकी खैर नहीं. सब्जी बिक्रेता सीधा कहते हैं कि जहां 14 रुपये किलो आलू मिले वहीं जाकर खरीद लो. ज्यादा बात करने पर मारा-मारी की भी स्थिति बन जाती है. इस बीच, राज्य सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए जिस टास्क फोर्स का गठन किया था, उसका अस्तित्व कहीं देखने को नहीं मिल रहा है. कुछ महीने पहले जब इसी तरह से आलू की कीमत बढ़ी थी तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कीमत पर नियंत्रण रखने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था. सिलीगुड़ी में भी टास्क फोर्स के सदस्यों ने दो एक दिनों तक छापामारी की थी. उसके बाद से ही टास्क फोर्स के अधिकारी और सदस्य हवा हो गये हैं. आम लोगों ने प्रशासन से एक बार फिर से टास्क फोर्स को सक्रिय करने की मांग की है.