सिलीगुड़ी : नियमों को ताक पर रखकर सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉलों के आवंटन व हस्तांतरण के मामले में राज्य सरकार अब हरकत में आयी है. मार्केट कमेटी के सचिव देवज्योति सरकार को हटा दिया गया है. ऐसे भी उनकी तैनाती मूल रूप से कालिम्पोंग बाजार कमेटी में थी. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी का अतिरिक्त […]
सिलीगुड़ी : नियमों को ताक पर रखकर सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉलों के आवंटन व हस्तांतरण के मामले में राज्य सरकार अब हरकत में आयी है. मार्केट कमेटी के सचिव देवज्योति सरकार को हटा दिया गया है. ऐसे भी उनकी तैनाती मूल रूप से कालिम्पोंग बाजार कमेटी में थी. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी का अतिरिक्त पदभार उनके पास था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देवज्योति सरकार के स्थान पर जलपाईगुड़ी के एएमओ अनिल कुमार शर्मा को सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के सचिव की जिम्मेदारी दी गयी है. यहां बता दें कि हाल ही में प्रभात खबर ने सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट घोटाले पर धारावाहिक ढंग से 15 किस्तों में खबर प्रकाशित की थी.
जानकारी के अनुसार, सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉल आवंटन व हस्तांतरण वेस्ट बंगाल एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग (रेगुलेशन) एक्ट-1972 के अंतर्गत होता है. लेकिन वर्ष 2018 के अक्तूबर से लेकर अब तक 62 स्टॉलों के आवंटन व हस्तांतरण में इस कानून के प्रावधानों की अनदेखी की गयी है. दार्जिलिंग की डीएम जयसी दासगुप्त सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी की चेयरपर्सन हैं.
जिन 62 स्टॉलों के हस्तांतरण में नियमों की अनदेखी की बात सामने आयी है, उनके दस्तावेजों पर जयसी दासगुप्त और सचिव देवज्योति सरकार के हस्ताक्षर हैं. हालांकि जयसी दासगुप्त ने ऐसे एक भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है. उनका कहना है कि उनके व सचिव के जाली हस्ताक्षर बनाये गये हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की साइबर सेल तथा डीडी दोनों ही इस मामले की जांच कर रहे हैं.