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चाय बागान की खराब हालत के लिए प्रबंधक दोषी : बारला
नागराकाटा : श्रमिक और चाय बागान प्रबंधन के बीच हुये झमेले में बंद हुआ चेंगमारी चाय बागान के दौरे पर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के चाय बागान मजदूर यूनियन के नेता जॉन बारला पहुंचे. चाय बागान फैक्ट्री पहुंचने के बाद उन्होंने वहां के चौकीदार से बातचीत किया. इस दौरान बारला के साथ जलपाईगुड़ी जिला […]
नागराकाटा : श्रमिक और चाय बागान प्रबंधन के बीच हुये झमेले में बंद हुआ चेंगमारी चाय बागान के दौरे पर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के चाय बागान मजदूर यूनियन के नेता जॉन बारला पहुंचे. चाय बागान फैक्ट्री पहुंचने के बाद उन्होंने वहां के चौकीदार से बातचीत किया. इस दौरान बारला के साथ जलपाईगुड़ी जिला भाजपा उपाध्यक्ष अरूण वाएबा, नागराकाटा एक नंबर मंडल सभापति मनोज भुजेल समेत अन्य समर्थक मौजूद रहे.
श्री बारला ने फैक्ट्री के चौकीदार से बातचीत कर वहां की समस्या एवं पिछली घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की. बीते दिनों हुयी घटना एवं श्रमिकों की समस्याओं से अवगत होने के बाद इसे उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने का आश्वासन दिया.
चाय बागान और फैक्ट्री का दौरा करने के बाद जॉन बारला पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि इस तरह चाय बागान को बंद करके चले जाना ठीक नहीं है. यहां जो स्थिति पैदा हुयी है, उसके लिये दोष प्रबंधक का है. श्रमिकों की मंजूरी के बिना कैसे छुट्टी के दिन भी काम करने के लिए दवाब पैदा कर सकते हैं.
चाय बागान के पास इस तरह का कोई अधिकारी नहीं है कि श्रमिकों की मंजूरी के बिना कोई नया नियम थोपा जाए, यह गैरकानूनी है. यहां बोला जा रहा है कि मजदूरों ने मालिक के ऊपर हमला किया, यह गलत बात है. यहां किसी ने भी प्रबंधक के उपर हमला नहीं किया. चाय बागान को खोलने के लिए हमारी ओर से भी लगातार प्रयास किया जाएगा.
सभी जगह समस्यायें होती हैं, लेकिन सभी समस्या समाधान बातचीत के माध्यम से संभव है. हमें विश्वास है कि बातचीत के माध्यम से जल्दी ही समस्या का समाधान कर चाय बागान संचालन किया जायेगा.
वहीं फैक्ट्री के चौकीदार रेशभ लामा, मंगल देव, बाबलू एक्का और सोमरा मुंडा ने बताया कि चाय बागान बंद होने के बाद भी हम फैक्टरी की सुरक्षा के लिए यहां पहरेदारी कर रहे हैं. यदि हम यहां पहरा नहीं देंगे तो चोरी हो सकता है. यहां का सारा समान हमारे पूर्वजों की सम्पति है. फैक्ट्री में कुल 800 मजदूर काम करते है.
गौरतलब है कि गत 24 दिसंबर को फैक्ट्री में काम करनेवाले श्रमिकों को रविवार के बदले सोमवार को छुट्टी देने का निर्णय लिया गया था. इसमें चाय श्रमिक नेताओं की मंजूरी मिलने के बाद श्रमिकों ने मालिक के साथ नेता दोनों के प्रति श्रमिकों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए प्रबंधक कार्यलय का घेराव कर प्रदर्शन किया था.
विक्षोप प्रदर्शन के दौरान श्रमिकों ने प्रबंधक और सहायक प्रबंधक पर हमला कर शारीरिक रुप से प्रताड़ित करने की बात कहते हुये चाय बागान में अशांति और असुरक्षित महसूस करने की बात बताते हुए चाय बागान में सस्पेंस ऑफ वर्क का नोटिस लगाकर बागान को बंद कर दिया. इसीलिए बंद चाय बागान कि परिस्थिति को जानने के लिये जॉन बारला चाय बागान पहुंचे.
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