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‘नहाय-खाय’ के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू, चार दिनों तक लोक-आस्था के पर्व में डूबा रहेगा सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी : देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी ‘नहाय-खाय’ के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है. रविवार को छठव्रतियों ने महानंदा व अन्य नदियों में स्नान किया. बहुत से महिला-पुरुष नदियों से कलशी में जल भरकर घर ले गये और घर में स्नान किया. […]
सिलीगुड़ी : देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी ‘नहाय-खाय’ के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है. रविवार को छठव्रतियों ने महानंदा व अन्य नदियों में स्नान किया. बहुत से महिला-पुरुष नदियों से कलशी में जल भरकर घर ले गये और घर में स्नान किया. स्नान के बाद अरवा चावल और चने की दाल व लौकी (कद्दू) की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. पहले दिन की इसी रस्म को नहाय-खाय कहा जाता है. व्रत शुरू करने से पहले मन और शरीर की शुद्धि के लिए स्नान के बाद सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है.\
छठपूजा की खरीदारी के लिए सड़कों पर और बाजारों में रौनक देखी जा रही है. गुरुंग बस्ती, चम्पासारी, सिलीगुड़ी थाना रोड, विधान मार्केट, महावीर स्थान पुराना बाजार समेत कई जगहों पर छठ बाजार सजा हुआ है. दौरा, सूप, नारियल, गन्ना, फलों की खरीद के लिए दुकानों पर भीड़ लगी है. शहर में जगह-जगह छठ के गीत गूंज रहे हैं. छठ घाट कमेटियां अपने-अपने इलाकों में नदी के घाटों के दुरुस्त करने में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं.
सूर्य उपासना के इस महापर्व के दूसरे दिन यानी सोमवार को छठव्रती दिनभर निर्जला उपवास के बाद सूर्यास्त होने पर ‘खरना’ करेंगे. खरना में सूर्य भगवान की पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर का प्रसाद सिर्फ एक बार ग्रहण किया जायेगा. इसके बाद सूर्योदय के पहले से करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा.
पर्व के तीसरे दिन यानी मंगलवार को छठव्रती शाम को महानंदा समेत विभिन्न नदियों के घाटों पर पहुंचकर, पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. पर्व के चौथे और अंतिम दिन बुधवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत संपन्न हो जायेगा. इसके बाद अन्न-जल ग्रहण करके व्रत का पारण किया जायेगा.
छठ को लेकर पुलिस और प्रशासन की तरफ से भी पूरी तैयारी की गयी है. डीएम जयसी दासगुप्त बैठक करके तैयारी संबंधी सभी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे चुकी हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे. अर्घ्य देने के समय नदी में किसी हादसे से रक्षा के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मी घाटों पर नौका के साथ तैनात रहेंगे. प्रतिबंधित पटाखों के फोड़ने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है. साथ ही सभी छठव्रतियों व श्रद्धालुओं को एनजीटी के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.
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