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एचआइवी पॉजिटिव मरीज का हुआ डायलेसिस
सिलीगुड़ी : दौर भले ही 4जी का चल रहा हो लेकिन लोगों में जागरूकता की अभी भी कमी है. एचआईवी से संबंधित कई तकनीकी रहस्यों को साफ कर अभी भी समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है. एचआईवी पॉजिटिव मरीज का डायलेसिस कराने से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में शनिवार को हंगामा मच गया. किडनी की […]
सिलीगुड़ी : दौर भले ही 4जी का चल रहा हो लेकिन लोगों में जागरूकता की अभी भी कमी है. एचआईवी से संबंधित कई तकनीकी रहस्यों को साफ कर अभी भी समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है. एचआईवी पॉजिटिव मरीज का डायलेसिस कराने से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में शनिवार को हंगामा मच गया.
किडनी की बीमारी से पीड़ित डायलेसिस कराने वाले अन्य मरीजों ने अपनी सुरक्षा को लेकर अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. जबकि अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि एक ही मशीन में एचआईवी पॉजिटिव व अन्य रोगियों का डायलेसिस करने से कोई समस्या नहीं है.
मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में डायलेसिस की कुल पांच मशीने हैं. बीते गुरूवार को एक एचआईवी पॉजिटिव मरीज का डायलेसिस सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में कराया गया. एक ही मशीन पर एचआईवी पॉजिटिव व अन्य रोगियों का डायलेसिस करने की बात फैलते ही हंगामा मच गया. डायलेसिस के अन्य रोगियों का कहना है कि एचआईवी एक रक्त संक्रमण की बीमारी है. इसलिए एक ही मशीन पर एचआईवी पॉजिटिव व अन्य रोगियों का डायलेसिस करने से संक्रमित बीमारी अन्य मरीजों में भी फैलेगी. इसी बात को लेकर शनिवार दोपहर सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के डायलेसिस मरीजों ने हंगामा किया. गुस्साये मरीजों ने अस्पताल अधीक्षक को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि एचआईवी एक संक्रमित बीमारी है. सैलून, पार्लर में उपयोग किये जाने वाले ब्लेड व अन्य औजार, इंजेक्शन आदि के प्रयोग से एचआईवी संक्रमण की संभावना प्रबल है. इसके अतिरिक्त यौन क्रिया से इस बीमारी का संक्रमण होता है यह सभी जानते हैं. लेकिन एक ही मशीन पर एचआईवी पॉजिटिव व अन्य मरीजों की डायलेसिस करने से एचआईवी संक्रमण के फैलने की संभावना ना के बराबर है.
शहर के जाने-माने चिकित्सका डॉ शैलेश झा ने बताया कि अमूमन एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का डायलेसिस अंत में किया जाता है. हांलाकि यह आवश्यक नहीं है. बल्कि डायलेसिस में प्रत्येक मरीज के लिए अलग किट का इस्तेमाल किया जाता है. फिर भी एचआईवी पॉजिटिव मरीज का डायलेसिस करने के बाद मशीन को नियमानुसार साफ कर देने के बाद संक्रमण फैलने की संभावना बिल्कुल नहीं रह जाती है.
क्या कहना है अस्पताल अधीक्षक का
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के अधीक्षक डा. अमिताभ मंडल ने बताया कि सुरक्षा की सभी दिशाओं को ध्यान में रखकर ही डायलेसिस होता है. उन्होंने बताया कि एक किट से एचआईवी नेगेटिव पांच मरीजों का डायलेसिस किया जा सकता है. जबकि एक किट से एक ही एचआईवी पॉजिटिव मरीज का डायलेसिस करने का प्रावधान है.
जबकि सावधानी बरतते हुए एक किट एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिसके बाद उस किट को मेडिकल डिस्पोस्जल सिस्टम में डाल दिया जाता है. एचआईवी को लेकर लोगों में अभी भी काफी भ्रम है. एक ही मशीन पर डायलेसिस करने से एचआईवी फैलने की कोई संभावना नहीं है.
क्या कहना है रोगियों का
दूसरी ओर अस्पताल में डायलेसिस कराने आये अन्य रोगियों का कहना है कि एचआईवी पॉजेटिव रोगियों का डायलेसिस हो,इसको लेकर उन्हें कोई आपत्ती नहीं है. लेकिन ऐसे रोगियों के लिए अलग से मशीन और व्यवस्था होनी चाहिए. एक ही मशीन से सभी मरीजों के डायलेसिस से डर स्वभाविक है.
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