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उत्तरबंग विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह पर संशय

नये वाइस चांसलर की अब तक नहीं हुई है नियुक्ति तीन सदस्यीय कमेटी पैनल तैयार करने में विफल डीलिट की उपाधि पानेवालों की सूची भी तैयार नहीं सिलीगुड़ी : इस बार उत्तरबंग विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह पर संशय बना हुआ है. नये वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया जारी होने के कारण इस बार दीक्षांत समारोह […]

नये वाइस चांसलर की अब तक नहीं हुई है नियुक्ति

तीन सदस्यीय कमेटी पैनल तैयार करने में विफल
डीलिट की उपाधि पानेवालों की सूची भी तैयार नहीं
सिलीगुड़ी : इस बार उत्तरबंग विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह पर संशय बना हुआ है. नये वाइस चांसलर की नियुक्ति प्रक्रिया जारी होने के कारण इस बार दीक्षांत समारोह को लेकर कोई पहल नहीं की गयी है. दूसरी तरफ वाइस चांसलर की नियुक्ति का मामला भी अधर में लटका हुआ है. उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पद के लिए कुल 90 आवेदन जमा हुए हैं. 10 फरवरी को वर्तमान वाइस चांसलर सोमनाथ घोष का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. हांलाकि उनका कार्यकाल और कुछ दिनों के लिए बढ़ाए जाने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष फरवरी से मार्च के बीच उत्तरबंग विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित होता रहा है. इस वर्ष फरवरी महीने का आठ दिन बीत चुका है, लेकिन दीक्षांत समारोह की तैयारी शुरू भी नहीं हुयी है. इस वर्ष डी लिट की उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों के नाम की घोषणा तक नहीं की गयी है. इसके साथ ही दीक्षांत समारोह का नोटिस भी जारी नहीं हुआ है.
इस बार के दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन खामोश है. विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नये उपकुलपति (वाइस चांसलर) की नियुक्ति को लेकर प्रबंधन व्यस्त है. यहां बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के अलावे राज्य स्थित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति ) राज्यपाल ही होते हैं. राज्यपाल विश्व विद्यालय के संचालन के लिए एक उपकुलपति को नियुक्त करता है. उपकुलपति का कार्यकाल चार वर्षों का होता है. उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वर्तमान उप कुलपति सोमनाथ घोष का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो जायेगा. नये उप कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
बीते जनवरी महीने में ही उत्तरबंग विश्वविद्यालय के उपकुलपति पद नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. उप कुलपति की नियुक्ति के लिए नियमानुसार तीन सदस्यों की एक सर्च कमेटी गठित की गयी है. तीन सदस्यों की इस कमेटी में रायगंज विश्वविद्यालय के उप कुलपति अनिल भुइमाली, नेताजी सुभाष ओपन युनिवर्सिटी के शुभशंकर सरकार व वेस्ट बंगाल स्टेट विश्वविद्यालय (बारासात विश्वविद्यालय) के उप कुलपति वासभ चौधरी शामिल हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तरबंग विश्वविद्यालय के उप कुलपति पद के लिए अब तक कुल 90 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इन 90 में से सर्च टीम तीन दावेदारों का पैनल तैयार कर कुलपति सह राज्य के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को भेजेगी. राज्यपाल इन तीनों में से किसी एक को उत्तरबंग विश्वविद्यालय का उप कुलपति नियुक्त करेगें.
कार्यकाल बढ़ने की संभावना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वर्तमान उप कुलपति सोमनाथ घोष ने 10 फरवरी 2014 को पदभार ग्रहण किया था. इनके चार वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने में मात्र तीन दिन शेष है. जबकि सर्च कमिटी अबतक तीन दावेदारों का पैनल राज्यपाल को नहीं भेज पायी है. इस पैनल में से उप कुलपति नियुक्त करने में राज्यपाल को भी कुछ दिनों का समय लगेगा. इसलिए वर्तमान उप कुलपति का कार्यकाल बढ़ाए जाने की संभावना है.
पिछले साल नहीं आये थे राज्यपाल
दूसरी तरफ उप कुलपति की नियुक्ति को लेकर इस बार के दीक्षांत समारोह पर भी संशय है. प्रत्येक दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल उपस्थित रहे हैं. पिछले वर्ष राज्यपाल व उत्तरबंग विश्वविद्यालय के कुलपति केसरी नाथ त्रिपाठी की तबियत खराब होने की वजह से राज्य के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी उपस्थित रहे थे. इस बार के दीक्षांत समारोह में उपस्थित होने के लिए राज्यपाल को अब तक आमंत्रण पत्र भी नहीं भेजा गया है. इस संबंध में उत्तरबंग विश्वविद्यालय प्रबंधन के पदाधिकारी बयानबाजी करने से कतरा रहे हैं.

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