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ब्लू व्हेल : चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेने का मिला था टास्क, बाल-बाल बची दसवीं कक्षा के छात्र की जान

सिलीगुड़ी: देश और दुनिया में मौत के खेल के नाम से मशहूर ब्लू व्हेल गेम ने सिलीगुड़ी शहर में भी दस्तक दे दी है. इस गेम को खेलने वाले दसवीं कक्षा के एक छात्र को मौत के मुंह में जाने से बचाया गया. इस घटना में सामने आने के बाद ही पूरे सिलीगुड़ी में खलबली […]

सिलीगुड़ी: देश और दुनिया में मौत के खेल के नाम से मशहूर ब्लू व्हेल गेम ने सिलीगुड़ी शहर में भी दस्तक दे दी है. इस गेम को खेलने वाले दसवीं कक्षा के एक छात्र को मौत के मुंह में जाने से बचाया गया. इस घटना में सामने आने के बाद ही पूरे सिलीगुड़ी में खलबली मची हुयी है. हांलाकि इसको लेकर पुलिस में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार वह छात्र पिछले कई दिनों से व्लू व्हेल की तरह ही मौत के एक अन्य गेम सॉल्ट एंड आइस खेल रहा था. गेम के पांचवे पड़ाव में उसे चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की चुनौती थी. गेम के इस निर्देशानुसार छात्र चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेने के लिए सड़क के किनारे तक पहुंच चुका था. उसी समय कुछ लोगों की नजर उसके इस पागलपन पर पड़ गयी. उसको ऐसा करने से मना किया गया. बाद में पता चला कि वह किसी मोबाइल गेम के चक्कर में अपनी मौत को दावत दे रहा था.


घटना की जानकारी मिलते ही सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की साईबर क्राइम विभाग ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के अरविंदपल्ली निवासी एक परिवार के साथ घटी है. पीड़ित छात्र सिलीगुड़ी से सटे सालबाड़ी इलाका स्थित अंग्रेजी माध्यम के एक निजी स्कूल में दसवीं का छात्र है. पिछले कई दिनों से वह स्कूल से अनुपस्थित है. जबकि परिवार वालों के मुताबिक वह रोजाना स्कूल बस पर चढ़ता था. माना जा रहा है कि वह स्कूल परिसर के अंदर क्लास में नहीं जाकर किसी स्थान पर मौत का गेम (सॉल्ट एंड आइस) खेला करता था.
चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेने का मिला था गेम का टास्क
गेम के पांचवे पड़ाव में उसे चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेने का निर्देश मिला था. निर्देश के मुताबिक छात्र मोबाइल लेकर सालबाड़ी इलाके में ट्रक के नीचे सेल्फी लेने पहुंच गया. अचानक उसी समय उसे किसी रिश्तेदार का फोन आया. छात्र ने उसे फोन पर घबराये हुए स्वर में कहा कि वह चलती ट्रक के नीचे सेल्फी लेने आया है. इतना सुनते ही परिवार में हलचल मच गयी.तबतक स्थानीय लोगों की नजर भी उस पर पड़ गयी थी. इधर परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. सालबाड़ी इलाके में सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग जाने वाली सड़क के किनारे उसे काफी विचलित स्थिति में बरामद किया गया. यहां बता दे कि अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन की वजह से पिछले करीब ढ़ाई महीने से इस सड़क पर बड़ी गाड़ियों की आवाजाही काफी कम है.
क्या है सॉल्ट आइस गेम
ब्लू व्हेल की तरह सॉल्ट आइस भी मौत का गेम है. इस गेम की शुरूआत में सॉल्ट (नमक) और आइस (बर्फ) को शरीर के किसी भी भाग पर रखने का टास्क दिया जाता है. जो खिलाड़ी जितनी अधिक देर तक सॉल्ट और आइस को अपने जिस्म पर बर्दाश्त करेगा उसे उतना अधिक स्कोर मिलता है. इस पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड करना पड़ता है. यहां बता दे कि आइस और साल्ट एक साथ मिलकर कुछ भी जमा देता है. आइस और सल्ट को एक साथ जिस्म पर रखा जाए तो आग की तरह जलन होती है. धीरे-धीरे गेम का पड़ाव कठोर होता जाता है. लगातार चुनौतीपूर्ण टस्क से बच्चे इस गेम में उलझते चले जाते हैं. और अंत में मौत की तलवार लटका दी जाती है. ऐसा टास्क दिया जाता है जिसमें मौत होना तय है. जिसकी वजह से छात्र की जान बच गयी.

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