इसके अलावा तृणमूल के जो दो पार्षद भीम अग्रवाल और आसिफ अहमद अंसारी इस्तीफा दे चुके हैं, उनके घरों में भी तोड़फोड़ और पत्थरबाजी हुई थी. हालांकि श्री गुरूंग अपने इस्तीफे को हमले की घटना से जोड़कर नहीं देख रहे हैं.
उनका कहना है कि इस्तीफे से हमले का कोई लेना-देना नहीं है. वास्तविकता यह है कि वह भी अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण को लेकर जारी आंदोलन का हिस्सा बनना चाहते हैं. पहाड़ पर गोरखालैंड आंदोलन के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की भी श्री गुरूंग ने निंदा की. यहां उल्लेखनीय है कि कालिम्पोंग नगरपालिका के वार्ड नंबर नौ के पार्षद भीम अग्रवाल तथा 12 नंबर वार्ड के पार्षद आसिफ अहमद अंसारी भी तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं.