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मुंबई में भी कई जगहों पर इडी के ताबड़तोड़ छापे

प्रवर्तन निदेशालय (इडी), कोलकाता ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मुंबई की अलग-अलग जगहों में ताबड़तोड़ छापेमारी की. इसमें टीपी ग्लोबल एफएक्स द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार रैकेट का पर्दाफाश हुआ. तलाशी अभियान के दौरान करीब 34.5 लाख रुपये नकद और 27 लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्राएं जब्त की गयीं.

कोलकाता.

प्रवर्तन निदेशालय (इडी), कोलकाता ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मुंबई की अलग-अलग जगहों में ताबड़तोड़ छापेमारी की. इसमें टीपी ग्लोबल एफएक्स द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार रैकेट का पर्दाफाश हुआ. तलाशी अभियान के दौरान करीब 34.5 लाख रुपये नकद और 27 लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्राएं जब्त की गयीं. गुरुवार को इडी ने इस बात की जानकारी दी. यह पता चला कि टीपी ग्लोबल एफएक्स, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए पंजीकृत या अधिकृत नहीं था. वास्तव में इसे आरबीआइ की अलर्ट सूची में शामिल किया गया था. आरबीआइ ने सात सितंबर, 2022 को अपंजीकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ने के विरुद्ध जनता को आगाह किया था. इडी ने मेसर्स टीएम ट्रेडर्स और मेसर्स केके ट्रेडर्स के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की.इडी की जांच से पता चला कि प्रसेनजीत दास और तुषार पटेल जैसे व्यक्तियों द्वारा कई फर्जी कंपनियों का उपयोग करके निवेशकों को टीपी ग्लोबल एफएक्स के माध्यम से विदेशी मुद्रा व्यापार निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करके एक धोखाधड़ी वाली योजना में फंसाने के लिए एक परिष्कृत साजिश रची गयी थी.

इसके अतिरिक्त, आइएक्स ग्लोबल के निदेशक और प्रमोटर विराज सुहास पाटिल और जोसेफ मार्टिनेज पर सक्रिय रूप से टीपी ग्लोबल एफएक्स को अपने पसंदीदा ब्रोकर के रूप में बढ़ावा देने का आरोप है. आइएक्स ग्लोबल के सदस्यों और उपयोगकर्ताओं ने अपने विदेशी मुद्रा व्यापार गतिविधियों के लिए टीपी ग्लोबल एफएक्स ब्रोकरेज सेवाओं का उपयोग किया. इडी की जांच से यह भी पता चला कि निवेशकों से एकत्र किये गये धन को अभियुक्तों की व्यक्तिगत संपत्ति खरीदने के लिए डायवर्ट किया गया था. इससे पहले इडी ने शैलेश कुमार पांडेय, प्रसेनजीत दास और विराज सुहास पाटिल को गिरफ्तार किया था और नकदी, सोना, रियल एस्टेट, आतिथ्य प्रतिष्ठान, वाहन, क्रिप्टो मुद्राएं और बैंक बैलेंस सहित करीब 263 करोड़ रुपये की संपति जब्त व कुर्क की थी.

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ दो अभियोजन शिकायतें पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए) ने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का संज्ञान लिया है. इडी की जांच जारी है.

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