13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

माता सरस्वती के मंदिर में होती है मां लक्खी की पूजा

स्थानीय लोगों के अनुसार इस सरस्वती मंदिर का इतिहास करीब 70 वर्षों से भी अधिक पुराना है.

दो दशकों से चली आ रही है यही परंपरा, लोगों का उत्साह होता है चरम पर नियामतपुर. आसनसोल नगर निगम के कुल्टी इलाके में स्थित वार्ड संख्या 61 अंतर्गत कुलतोड़ा गांव के सरस्वती मंदिर में कोजागरी लक्खी पूजा का आयोजन लोगों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां पिछले दो दशकों से शरद पूर्णिमा की रात को कोजागरी लक्खी पूजा की विशेष परंपरा निभायी जाती है. स्थानीय लोगों के अनुसार इस सरस्वती मंदिर का इतिहास करीब 70 वर्षों से भी अधिक पुराना है. पहले यहां केवल मां सरस्वती की पूजा होती थी, लेकिन वर्ष 2003 में मंदिर समिति और ग्रामीणों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि इसी मंदिर में मां लक्ष्मी की पूजा भी की जायेगी, ताकि आसपास के गांव की महिलाएं एक स्थान पर एकत्रित होकर देवी की आराधना कर सकें. तब से हर साल यहां लक्खी पूजा का आयोजन होता आ रहा है. यह परंपरा अब पूरे क्षेत्र की पहचान बन चुकी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस पूजा का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि ग्राम एकता और सामाजिक सद्भाव को भी मजबूत करना है. मंदिर समिति के सदस्यों के अनुसार, यह आयोजन अब आसनसोल–कुल्टी क्षेत्र में सामूहिक उत्सव का रूप ले चुका है, जिसमें हर वर्ग और उम्र के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel