हाइकोर्ट की अंडमान व निकोबार सर्किट बेंच ने सुनाया फैसला
संवाददाता, कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट की अंडमान व निकोबार सर्किट बेंच ने एक महिला को अपने पति को एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. अदालत ने यह फैसला इसलिए सुनाया क्योंकि महिला ने एक स्थानीय अखबार में बिना किसी सबूत के अपने पति के पुनर्विवाह को लेकर सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कर कथित तौर पर उसे बदनाम किया था.
हाइकोर्ट के न्यायाधीश सुप्रतिम भट्टाचार्य ने कहा कि पत्नी (अनंता) न तो उस सूचना के स्रोत का खुलासा कर पायी और न ही उस लड़की का नाम बता सकी जिसके साथ उसने अपने पति (रामचंदर) को जोड़ा था. अदालत ने कहा कि पत्नी द्वारा प्रकाशित नोटिस से स्पष्ट है कि वे उसके पति रामचंदर को लक्षित थे और उनमें पहली शादी के अस्तित्व में होने के बावजूद रामचंदर द्वारा दूसरी शादी करने के आरोप लगाये गये थे. न्यायाधीश ने आगे कहा कि पत्नी अपने बयान में न तो सूचना देने वाले का नाम बता पायी और न ही उस कथित लड़की का नाम बता पायी जिससे उसके पति विवाह करने जा रहे थे.
जुर्माने के संबंध में अदालत ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का मौलिक अधिकार है. इस मामले में पत्नी ने एक बार नहीं, बल्कि दो अलग-अलग तारीखों पर एक दैनिक समाचार पत्र में एक नोटिस प्रकाशित किया, जो पति की जानकारी के बिना किया गया था. इसी टिप्पणी के साथ हाइकोर्ट की सर्किट बेंच ने पत्नी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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