कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी और जादवपुर विवि समेत राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति को मंजूरी दी है. राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े मामले की सुनवाई सोमवार को शीर्ष अदालत में हुई. राज्य के आठ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रही उलझनों का समाधान हुआ. विवादों में रहने वालीं कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता दे की जगह अब कलकत्ता विश्वविद्यालय को नया स्थायी कुलपति मिलने जा रहा है.
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल (विश्वविद्यालय के कुलाधिपति) के बीच टकराव लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे की समीक्षा के लिए सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी. समिति का काम उन लोगों के नामों का मूल्यांकन करना था जिनके नाम कुलपति के रूप में नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किये गये थे. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की पीठ ने समिति की सिफारिशों की जांच की. इसके बाद कोर्ट ने उन नामों की नियुक्ति की अनुमति दे दी जिन पर राज्यपाल और राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. बाकी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर गतिरोध अभी भी बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट आगे इन मुद्दों पर चर्चा करेगा.आशुतोष घोष कलकत्ता विवि के वीसी बने
कलकत्ता विश्वविद्यालय में आशुतोष घोष को स्थायी कुलपति नियुक्त किया गया है. वह इस विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं. इसी तरह जादवपुर विश्वविद्यालय में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर चिरंजीव भट्टाचार्य वीसी होंगे. ओमप्रकाश मिश्रा को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय, आशीष भट्टाचार्य को गौरबंग विश्वविद्यालय, उदय बनर्जी को काजी नजरूल विश्वविद्यालय , अर्नब सेन को रायगंज विश्वविद्यालय , चंद्रदीप घोष को साधु रामचंद विवि और अबू तालेब को विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय का स्थायी कुलपति नियुक्त किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

