स्थानीय लोग पुस्तकालय के आधुनिकीकरण की कर रहे मांग कल्याणी. रामायण एवं कृत्तिवास से संबंधित विश्व का एकमात्र पुस्तकालय एवं संग्रहालय नदिया जिले के फुलिया में स्थित है. यहां रामायण से जुड़ीं दुर्लभ जानकारियां संरक्षित हैं. इस संग्रहालय में कृत्तिवास ओझा की रामायण की पांडुलिपि की एक फोटोकॉपी भी संरक्षित है. राज्य पुस्तकालय विभाग ने इस संग्रहालय के विकास के लिए कई कदम उठाये हैं. कवि कृत्तिवास से संबंधित संग्रहालय और रामायण कृत्तिवास मेमोरियल लाइब्रेरी सह संग्रहालय नदिया जिले के फुलिया में स्थित है. इस संग्रहालय में बंगाल में रामायण रचयिता कृत्तिवास के जीवन और विरासत की कई अज्ञात कहानियां संरक्षित हैं. कृतिवास रामायण की पांडुलिपि को देखने और विभिन्न जानकारी इकट्ठा करने के लिए इतिहास के छात्र और शोधकर्ता इस संग्रहालय में आते हैं. 1960 में नदिया जिला के फुलिया के बोइरा में कृत्तिवास की स्मृति में यह पुस्तकालय व संग्रहालय बनाया गया था. इसे 1967 में जनता के लिए खोला गया था. इतिहास के विद्यार्थियों के लिए इसका अत्यधिक महत्व है. स्थानीय निवासियों की मांग है कि इस लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण किया जाए. बंगाली साहित्य के अग्रदूतों में से एक कृत्तिवास ओझा ने बांग्ला में रामायण लिखी है. यह संग्रहालय उन्हीं की याद में है और उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया है. कृत्तिवास से संबंधित विभिन्न इतिहास यहां संरक्षित हैं. इस पुस्तकालय और संग्रहालय को सप्ताह में दो दिन खुला रहना चाहिए लेकिन हाल ही में इसे बंद करने का आरोप लगाया गया है. इस संबंध में स्थानीय ग्राम पंचायत प्रमुख ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे. इस बीच, राज्य पुस्तकालय विभाग ने यहां कर्मचारियों की भर्ती करने का निर्णय लिया है. यह पारंपरिक पुस्तकालय जल्द ही अपना गौरव वापस पा लेगा. राज्य सरकार इस परंपरा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह जानकारी पुस्तकालय विभाग ने दी.
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