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शीतकालीन सत्र पर सस्पेंस, सरकार से नहीं मिला प्रस्ताव

वर्ष के समाप्त होने में अब केवल तीन सप्ताह शेष हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अब तक शुरू नहीं हुआ है.

एसआइआर प्रक्रिया बनी अड़चन

संवाददाता, कोलकाता

वर्ष के समाप्त होने में अब केवल तीन सप्ताह शेष हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अब तक शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में विधानसभा के भीतर यह सवाल गूंज रहा है कि क्या इस बार शीतकालीन अधिवेशन आयोजित होगा भी या नहीं. सामान्यतः यह सत्र नवंबर के अंतिम सप्ताह से दिसंबर के दूसरे सप्ताह के बीच होता है, लेकिन इस बार दिसंबर का दूसरा सप्ताह समाप्ति पर है और विधानसभा सचिवालय की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.

विधानसभा के कुछ अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार एसआइआर प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण सत्र पर निर्णय नहीं ले पा रही है. विपक्ष भी इस स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. विधानसभा सूत्रों के अनुसार सत्र बुलाने का निर्णय पूरी तरह सरकार पर निर्भर करता है. यदि सरकार के पास कोई बिल, प्रस्ताव या अन्य कार्यवाही हो, तो उसकी जानकारी स्पीकर को दी जाती है. इसके बाद स्पीकर राजभवन के साथ समन्वय कर सत्र बुलाते हैं. फिलहाल नवान्न से शीतकालीन सत्र के संबंध में कोई संदेश स्पीकर बिमान बनर्जी तक नहीं पहुंचा है. ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से आधिकारिक सूचना मिलने तक टिप्पणी संभव नहीं है. हालांकि, कुछ सूत्रों का अनुमान है कि अगले सप्ताह सत्र को लेकर घोषणा हो सकती है.

तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने बताया कि शीतकालीन सत्र की तैयारी शुरू करने के लिए उन्हें अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.

इधर सत्ता पक्ष के एक सूत्र ने कहा कि हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सभी विधायकों को एसआइआर प्रक्रिया पर नजर रखने का निर्देश दिया है. इसी निर्देश के चलते तृणमूल विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में एसआइआर के कार्यों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं.

लॉ विभाग के सूत्रों के अनुसार भी राज्य सरकार ने अब तक शीतकालीन सत्र को लेकर कोई तैयारी नहीं की है.गौरतलब है कि यह शीतकालीन सत्र अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मौजूदा 17वीं विधानसभा का अंतिम पूर्ण सत्र होगा. फरवरी में अंतरिम बजट सत्र कुछ दिनों के लिए आयोजित किया जायेगा. यदि इस वर्ष किसी कारण से शीतकालीन सत्र नहीं होता, तो 17वीं विधानसभा का पूरा कार्यकाल सत्रों के लिहाज से पूर्ण नहीं माना जायेगा.उधर, 22-23 दिसंबर से क्रिसमस और न्यू ईयर के उत्सव शुरू हो जायेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी त्योहारों के दौरान कोई आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं. इस कारण विधानसभा सचिवालय के कुछ अधिकारियों का मानना है कि विंटर फेस्टिवल शुरू होने से पहले एक से दो दिन का छोटा शीतकालीन सत्र संभव है.

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