संवाददाता, कोलकाता उत्तर बंगाल में हाल ही में आयी बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों की सहायता के लिए एक ठोस प्रयास के तहत भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कोलकाता ने उत्तर बंगाल कृषि विश्वविद्यालय, कूचबिहार, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता तथा जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और दार्जिलिंग के कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से एक ई-सलाह तथा कार्ययोजना कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा के बाद किसानों की सहायता और आजीविका बहाली के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करना और कार्यान्वयन योग्य रणनीति विकसित करना था. इस मौके पर डब्ल्यूबीयूएएफएस के कुलपति डॉ टीके दत्ता, यूबीकेवी के कुलपति प्रोफेसर डी बसु, डॉ प्रदीप डे, यूबीकेवी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एस लाहा, यूबीकेवी के निदेशक डॉ पी पॉल ने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस बैठक में जलपाईगुड़ी के परियोजना निदेशक एटीएमए डॉ चंचल प्रमाणिक, कलिम्पोंग के उप कृषि निदेशक जेम्स लेप्चा, दार्जिलिंग के उप कृषि निदेशक पार्थ रॉय भी शामिल हुए. क्षेत्रीय विशेषज्ञों ने पशु तथा मत्स्य पालन क्षेत्रों में बाढ़ एवं भूस्खलन प्रबंधन के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधन एवं फसल प्रबंधन पर अंतर्दृष्टि साझा की. जलपाईगुड़ी, कूचबिहार तथा दार्जिलिंग के कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रतिनिधियों द्वारा फसल क्षति और संबंधित आकस्मिक उपायों पर व्यापक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी.
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