निगम में विशेष बैठक. अग्नि सुरक्षा, अतिक्रमण व स्वास्थ्य पर मंथन
संवाददाता, कोलकाता बड़ाबाजार अग्निकांड के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित विशेष कमेटी की दूसरी बैठक सोमवार को कोलकाता नगर निगम में हुई. इस बैठक में शहर में अग्नि सुरक्षा उपायों को मजबूत करने, अतिक्रमण से निपटने और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी. मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि कई विभागों से प्राप्त सुझावों के आधार पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही राज्य सरकार को भेजा जायेगा.मेयर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें इस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया है और एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ऑक्यूपेंसी कंप्लायंस प्रोटोकॉल (ओसीपी) केवल रूफटॉप तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि इसमें स्कूल, अस्पताल और बाजार जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थान भी शामिल होंगे. हाल ही में खिदिरपुर बाजार में लगी आग का जिक्र करते हुए हकीम ने कहा कि अग्निशमन विभाग को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ये सभी दिशा-निर्देश एसओपी में शामिल किये जायेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि फायर ऑडिट को प्राथमिकता दी जायेगी. रूफटॉप से संबंधित तीन मामलों की सुनवाई भी शुरू हो गयी है, जिनके नतीजों के आधार पर सभी के लिए एक समान ओसीपी लागू किया जायेगा.
अर्फनगंज बाजार में अतिक्रमण और काम में बाधा डालने के मुद्दे पर मेयर ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर वहां काम शुरू हो गया है. कुछ स्थानीय लोगों ने पंजीकरण भी कराया है. हालांकि, हकीम ने आरोप लगाया कि कुछ लोग भाजपा का झंडा लेकर वहां माहौल खराब करने में लगे हैं और रविवार को उन्होंने निगम अधिकारियों को काम करने से रोका. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बातचीत से बात नहीं बनती है, तो बल (फोर्स) का इस्तेमाल किया जायेगा.आरजी कर दुष्कर्म कांड पर मेयर ने कहा कि इस जघन्य घटना के लिए फांसी की सजा होनी चाहिए. उन्होंने अफसोस जताया कि राज्य पुलिस जांच करना चाहती थी, लेकिन अदालत ने मामला सीबीआइ को सौंप दिया.
फिरहाद बोले, मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए कदम उठा रहा है निगम
मेयर ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. दोहराया कि मुख्यमंत्री लगातार इसका विरोध कर रही हैं, क्योंकि यह नफरत की राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि निगम मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए भी कदम उठा रहा है. सड़कों से लेकर घरों की छतों तक पानी जमा होने की जांच की जा रही है, ताकि डेंगू का लार्वा न पनपे. जागरूकता फैलाने के लिए शनिवार और रविवार को माइकिंग भी की जा रही है और लोगों से हर सात दिन में एक बार अपने आसपास मच्छर के लार्वा की जांच करने का आग्रह किया जा रहा है.
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