संवाददाता, कोलकाता
भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ बैठक की और उसे बताया गया कि राज्य में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान के तहत मतदाता सूची का मसौदा जारी होने के बाद एक करोड़ लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा. यह जानकारी भाजपा के एक नेता ने दी. भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सुनवाई में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पूरी तरह से जांच करने का आग्रह भी किया.
पार्टी ने अनुरोध किया कि सुनवाई सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में और सीसीटीवी निगरानी में की जानी चाहिए. भाजपा केंद्रीय समिति के सदस्य राहुल सिन्हा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल से मुलाकात के बाद कहा : सीईओ ने हमें बताया कि एसआइआर प्रक्रिया के तहत 11 दिसंबर को मसौदा सूची जारी होने के बाद लगभग एक करोड़ लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा. हमें यह भी बताया गया कि राज्य भर में जारी प्रक्रिया के दौरान 56 लाख से अधिक मतदाताओं को पहले ही ‘अनकलेक्टिबल’ के तौर पर चिह्नित किया जा चुका है. निर्वाचन आयोग की भाषा में ‘अनकलेक्टिबल’ का अर्थ मृत, डुप्लिकेट या अनुपस्थित मतदाता होता है.
सिन्हा ने कहा कि यह संख्या अधिक भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से सूक्ष्म पर्यवेक्षक तैनात करने और सुनवाई के दौरान कैमरों की व्यवस्था करने को कहा है ताकि एक भी अयोग्य मतदाता मतदाता सूची में न रह जाये और कोई भी योग्य मतदाता छूट ना जाये.
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा कि इससे इस बढ़ती धारणा को बल मिलता है कि भाजपा नेता निर्वाचन आयोग के लिए पटकथा लिख रहे हैं और एसआइआर के बाद मतदाता सूची से हटाये जाने वाले वास्तविक बंगाली मतदाताओं की संख्या तय कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा का छिपा हुआ एजेंडा बेनकाब हो जायेगा और उल्टा पड़ेगा. उन्होंने दावा किया, कि अगले चुनावों में पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें नकार देगी.
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