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नियुक्ति घोटाला : सीबीआइ ने चार्जशीट में ‘अभिषेक बनर्जी’ का नाम लिया

राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में ‘कालीघाटेर काकू’ के नाम से चर्चित आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की आवाज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.

संवाददाता, कोलकाता

राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में ‘कालीघाटेर काकू’ के नाम से चर्चित आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की आवाज को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने भद्र के अलावा आरोपियों कुंतल घोष व शांतनु बंद्योपाध्याय की आवाज का नमूना संग्रह करने के बाद मामले में तीसरा पूरक आरोपपत्र पेश किया है. सूत्रों के अनुसार, पूरक आरोपपत्र में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, तृणमूल विधायक व प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के साथ अभिषेक बनर्जी नामक एक व्यक्ति का नाम है. आरोप है कि अभिषेक बनर्जी नाम के शख्स ने अवैध नियुक्तियों के लिए भद्र से 15 करोड़ रुपये की मांग की थी. हालांकि, 28 पन्नों की चार्जशीट में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि अभिषेक बनर्जी नाम का शख्स कौन है या उसकी पहचान क्या है? हालांकि, अन्य लोगों की पहचान लिखी हुई है. इसे लेकर राज्य की सियासत में घमासान मच गया है.

गौरतलब है कि 21 फरवरी को राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में सीबीआइ ने 28 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट में एक ऑडियो क्लिप का जिक्र है, जिसमें सुनियोजित तरीके से अवैध नियुक्ति करने को लेकर चर्चा किये जाने की आशंका जतायी जा गयी है. जांच एजेंसी को आशंका है कि ऑडियो में मौजूद एक आवाज भद्र की है, जबकि अन्य आवाज कुंतल व शांतनु की हैं. यही वजह है कि जांच के लिए तीनों की आवाज का नमूना भी संग्रह किया गया है. चार्जशीट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 में इस घोटाले के आरोपी कुंतल घोष, शांतनु बंद्योपाध्याय और दो अन्य लोग अरविंद राय बर्मन व सुरजीत भद्र के बेहला स्थित घर गये थे. वहां हुई बातचीत को कथित तौर पर कुंतल के कर्मचारी अरविंद ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था, जिसे बाद में लैपटॉप में सेव कर लिया गया. जांच के दौरान यह ऑडियो क्लिप सीबीआइ के हाथ लगी. सीबीआइ ने इस ऑडियो क्लिप की सत्यता का पता लगाने के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) भेज दिया है. साथ ही भद्र, कुंतल और शांतनु की आवाज के नमूने भी सीएफएसएल को भी भेजे गये हैं, ताकि यह पता चल सके कि ऑडियो की आवाज भद्र व अन्य दो आरोपियों के ही हैं या नहीं. चार्जशीट के मुताबिक, इस ऑडियो में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और माणिक भट्टाचार्य का भी नाम आया है.

सीबीआइ का आरोप है कि यह घोटाला पूर्व मंत्री चटर्जी के माध्यम से चलाया जा रहा था, जिसमें अन्य आरोपी भद्र, कुंतल व शांतनु सक्रिय रूप से शामिल थे. जांच एजेंसी का यह भी आरोप है कि भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और अभिषेक बनर्जी नामक शख्स के बीच विवाद भी हुआ था. भद्र, शांतनु और कुंतल ने दो हजार और अभ्यर्थियों से लगभग 100 करोड़ रुपये वसूलने की योजना बनायी थी, जिसमें पार्थ, माणिक और अभिषेक नामक व्यक्ति को 20-20 करोड़ रुपये देने की बात थी, जबकि शेष 40 करोड़ रुपये भद्र, कुंतल व शांतनु के बीच आपस में बांटे जाने थे. चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि हुगली जिले के प्राथमिक विद्यालय परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष को फोन कर शांतनु ने एक उम्मीदवार को बालागढ़ में नियुक्ति दिलाने की बात कही थी. सीबीआइ की ओर से चार्जशीट में यह भी बताया गया कि नियुक्तियों के घोटाले का यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है और आगे भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. इस ऑडियो क्लिप के फॉरेंसिक विश्लेषण के बाद सीबीआइ अदालत में अतिरिक्त आरोपपत्र भी दाखिल कर सकती है.

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