कोलकाता.
वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए राज्य का बकाया जारी नहीं किये जाने के बावजूद राज्य सरकार जरूरतमंदों के लिए काम करने व विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में सभी योजनाएं बंगाल सरकार द्वारा चलायी जा रही हैं और इसने अनुपूरक अनुदान में 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए देय धनराशि आवंटित की है.बजट अनुपूरक मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली हमारी सरकार ने कन्याश्री, शिक्षाश्री और लक्ष्मी भंडार योजनाएं शुरू की थीं और राज्य के लोगों की मदद के लिए अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ-साथ ये सभी सामाजिक कल्याण योजनाएं हम चला रहे हैं, जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं.चंद्रिमा ने कहा कि हम केंद्रीय निधि पाने की उम्मीद करते रहते हैं, लेकिन हमारी उम्मीदें कभी पूरी नहीं होतीं. चूंकि केंद्र राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बंगाल के लिए देय निधि जारी करने में आगे नहीं आ रहा है और वर्षों से राशि रोके हुए है, इसलिए हमें अपने संसाधनों को एक करना होगा और पूरक अनुदानों के लिए प्रावधान करना होगा, ताकि एक भी परियोजना बंद न हो. भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि केंद्र स्वास्थ्य सेवा और जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए राज्य का बकाया आवंटित नहीं कर रहा है. केंद्र के रुख के बावजूद गरीब लोगों को लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार दावा कर रही है कि राज्य प्रशासन विभिन्न परियोजनाओं में मानदंडों का पालन नहीं कर रहा है, जिससे उसे धन जारी करना बंद करना पड़ रहा है. मंत्री ने भाजपा विधायकों के व्यवहार को अहंकार की पराकाष्ठा बताया, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है.चर्चा के बाद सदन ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 19,462 करोड़ रुपये के पूरक अनुदान आवंटन (वर्धित बजट) के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया. प्रस्ताव पारित होते समय विपक्षी भाजपा के विधायक सदन में अनुपस्थित थे.
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