कोलकाता. मर्चेंट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआइ) ने शनिवार को फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी के साथ व्यापार और उद्योग में फिल्म और कहानी कहने की भूमिका विषय पर विशेष सत्र का आयोजन किया. सत्र का संचालन फिल्म समीक्षक और पत्रकार राजीव मसंद ने किया. बातचीत में राजकुमार हिरानी ने कहा कि निराशावाद किसी व्यक्ति को कहीं नहीं पहुंचाता, बल्कि उसे केवल श्रेष्ठता का एहसास कराता है. उन्होंने 3 इडियट्स में इसी निराशावाद को महसूस किया और इसका समाधान निकाला. हर नयी फिल्म एक स्टार्टअप की तरह होती है. यह गतिशील यात्रा होती है. एक फिल्म निर्माता के रूप में वह अपनी सहज प्रवृत्ति का उपयोग करते हुए फिल्मों की स्क्रिप्ट और थीम पर विचार करते हैं. दर्शकों की वर्तमान नाट्य पसंद को लेकर श्री हिरानी ने कहा कि लोग अब ओटीटी पर ज्यादा फिल्में देख रहे हैं, इसलिए पहले की तरह थियेटर में ज्यादा भीड़ नहीं दिखती है. लेकिन सिनेमा थियेटर या हॉल में फिल्म देखने का आनंद ही कुछ और है. यह गहन अनुभव प्रदान करता है. अगर फिल्म अच्छी होगी, तो लोग सिनेमा हॉल में ही देखने जायेंगे. सत्र का संचालन करते हुए श्री मसंद ने आलोचना के बारे में बात की और पूछा कि वह इससे कैसे निबटते हैं. श्री हिरानी ने कहा कि हर फिल्म का एक अलग अंदाज होता है और आलोचना जीवन का एक हिस्सा है. वह इसे आशावादी नजरिये से देखते हैं. उनका मानना था कि फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए होती हैं. दर्शकों को शिक्षित करने के लिए नहीं. लोग फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए देखते हैं. ज्ञान के लिए नहीं. फिल्म निर्देशकों पर सामाजिक जिम्मेदारी का कोई बोझ नहीं होना चाहिए. राजकुमार हिरानी ने कहा कि अब लोगों के पास दुनिया के हर कोने की फिल्में देखने का मौका है, इसीलिए, नये कंटेंट की कमी के कारण फिल्म निर्देशक पुरानी फिल्मों को नये सिरे से बना रहे हैं. मुन्ना भाई एमबीबीएस, 3 इडियट्स, लगे रहो मुन्ना भाई, पीके, संजू और डंकी जैसी सफल व्यावसायिक फिल्मों का निर्देशन करने वाले राजकुमार हिरानी ने कहा : अगर फिल्म की कहानी में दम होगा, तो लोग जरूर सिनेमा हॉल में देखने जायेंगे. अभी भारतीय सिनेमा जगत में काम बढ़ गया है और फिल्मों या थियेटर में रुचि रखने वालों के लिए भी संभावनाएं बन रही हैं. सत्र में एमसीसीआइ की अध्यक्ष प्रीति ए. सुरेका ने कहा कि राजकुमार हिरानी विनम्र व्यक्ति हैं. उनका स्वभाव आशावादी है, जो उनकी फिल्मों में झलकता है. सत्र में एमसीसीआइ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुनीश झाझरिया ने आभार व्यक्त किया.
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