कोलकाता. एसआइआर प्रकिया के अंतिम दिन बीएलओ के एक समूह ग्रुप ने आरोप लगाया है कि बीएलओ के ऐप में एक नया ‘ऑप्शन’ जोड़ा गया है, जिसका नाम ‘री-वेरिफाई लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी’ है. वहीं, इस ऐप को लेकर सीइओ कार्यालय से बताया गया कि ऐप पर फैसला चुनाव आयोग लेता है. बताया जा रहा है कि अगर किसी बीएलओ को मतदाता द्वारा दिये गये दस्तावेज को लेकर कोई शक है, तो उस वोटर की जानकारी को फिर से वेरिफाई करने करने के लिए नये ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. बीएलओ अधिकार संयुक्त मंच के महासचिव स्वपन मंडल ने कहा कि आखिरी मिनट में ये सब क्यों किया जा रहा है? इससे साफ हो रहा है कि आयोग की तैयारी में कमी थी.
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