पुलिस की एफआइआर पर भी जताया संदेह हुगली. अगर मेरी बेटी ने तेज गाड़ी चलाने को कहा भी था, तो एक ड्राइवर का क्या कर्तव्य होता है? उसे तो यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था. ये सवाल उठा रही हैं सुतंद्रा की मां तनुश्री चटर्जी. ड्राइवर राजदेव शर्मा ने सोमवार को बयान दिया था कि उसने सफेद गाड़ी का पीछा सुतंद्रा के कहने पर किया था. लेकिन किसी तरह की इव-टीजिंग की घटना उसकी नजर में नहीं आयी. इस पर सुतंद्रा की मां ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले इस तरह का बयान क्यों नहीं दिया था. पहले कहा था कि अगर गाड़ी बीच में रोकते, तो वे लोग मेरी बेटी को गाड़ी से उतार लेते. अब अचानक बयान क्यों बदल गया? यदि गाड़ी तेज भगाने की बात सही भी है, तो एक पेशेवर चालक को क्या करना चाहिए था? चालक या अन्य यात्रियों ने पहले कभी नहीं कहा कि सुतंद्रा ने तेज गाड़ी चलाने के लिए कहा था. अब जब मामला तूल पकड़ रहा है, तो बयान बदले जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मात्र कुछ सेकंड के सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई उजागर नहीं होगी. गाड़ी काफी देर तक दौड़ रही थी, उस फुटेज का क्या हुआ? तनुश्री की मांग है कि दोनों गाड़ियों में सवार सभी लोगों को जांच के दायरे में लाया जाए. एफआइआर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पहले कहा गया था कि आरोपी नशे की हालत में थे. गाली-गलौज कर रहे थे. अश्लील इशारे कर रहे थे. लेकिन जब एफआइआर दर्ज हुई, तो उसमें इन बातों का जिक्र ही नहीं था. इधर, बाबलू यादव को सोमवार को दुर्गापुर अदालत में पेश किया गया, जहां उसने कहा कि वह डर के कारण भाग गया था. इस पर सुतंद्रा की मां ने कहा कि अगर किसी की गलती नहीं होती है, तो उसे डर क्यों लगेगा? एक हादसा हुआ, फिर भी वह वहां से भाग गया. जब किसी के भीतर अपराधबोध होता है, तभी वह डरता है. उन्होंने सवाल उठाया कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी सिर्फ एक ही आरोपी पकड़ा गया, बाकी अब तक फरार क्यों हैं?
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