पुस्तकालय मंत्री ने कहा- मेरी जान लेने की कोशिश की गयी
प्रतिनिधि, बर्दवान/पानागढ़ राज्य के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी गुरुवार को पूर्व बर्दवान जिले में भीड़ द्वारा उनके काफिले पर किये गये हमले में बाल-बाल बच गये. पुलिस ने यह जानकारी दी.यह घटना सुबह पूर्व बर्दवान जिले के मंतेश्वर विधानसभा क्षेत्र के मालडांगा में हुई. स्थानीय विधायक व राज्य के पुस्तकालय मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं व समर्थकों के एक धड़े ने काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ गो बैक का नारा भी लगाया. यही नहीं, महिलाओं ने हाथों में झाड़ू लेकर मंत्री के विरुद्ध विक्षोभ जताया. उस दौरान तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन, महिला संगठन आदि के सदस्यों ने सड़क के किनारे खड़े होकर मंत्री को देख जोरदार ढंग से प्रतिवाद जताया. स्थानीय प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि चार वर्ष होने को हैं, लेकिन मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कोई विकासमूलक कार्य नहीं किया. छात्रों को सर्टिफिकेट के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है. गुरुवार को मंत्री के काफिले को देख स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने विक्षोभ जताया. सूत्रों की मानें, तो विक्षोभ जतानेवाले सभी लोग मंतेश्वर पंचायत समिति के सभापति व तृणमूल नेता के समर्थक बताये जा रहे हैं.
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी जान लेने की कोशिश की गयी, क्योंकि स्थानीय पंचायत प्रधान के नेतृत्व में उनकी पार्टी के एक गुट से संबंधित भीड़ ने उनके वाहन पर पत्थर फेंके और ‘विंडस्क्रीन’ तोड़ दी, जिससे उनके हाथ में चोट लग गयी. पुलिस ने काले झंडे दिखाने और मंत्री के काफिले पर पथराव की घटना की पुष्टि की और कहा कि घटना के बाद भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया तथा मंत्री को सुरक्षा में तैनात एक वाहन से मौके से ले जाया गया.क्या कहा मंत्री ने
चौधरी ने कहा: स्थानीय पंचायत प्रधान रफीकुल इस्लाम शेख ने अपने समर्थकों के साथ मुझ पर जानलेवा हमला किया. स्थानीय प्रभारी निरीक्षक ने हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. केवल मेरे साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी ही मुझे बचाने आये. मंत्री ने प्रशासन से हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.लोगों ने स्वत:स्फूर्त काले झंडे दिखाये : पंचायत प्रधान
शेख ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. उन्होंने संवाददाताओं से कहा: यह स्थानीय लोगों द्वारा स्वतःस्फूर्त काले झंडे दिखाने का प्रदर्शन था, जो भ्रष्ट मंत्री से नाराज थे, जिन्होंने मंतेश्वर के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया था. चूंकि हम चाहते थे कि वे हमारी शिकायतें सुनें, इसलिए उनका काफिला तेजी से वहां से निकलने की कोशिश कर रहा था, जिससे उनके वाहन को कुछ नुकसान हो सकता था. हालांकि, वे हत्या के प्रयास के आरोप लगाकर नाटक कर रहे हैं.
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