कोलकाता. कसबा इलाके में स्थित डीआइ दफ्तर के बाहर बुधवार को नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने को लेकर कोलकाता पुलिस लगातार दो दिनों से अपना पक्ष कोलकाता पुलिस के फेसबुक पेज पर रख रही है. इसी सिलसिले में बुधवार की तरह गुरुवार को भी पुलिस की तरफ से अपना एक और पक्ष रखा गया. गुरुवार को पुलिस की तरफ से फेसबुक पेज पर कुछ वीडियो अपलोड कर इस बारे में लिखा गया कि भीड़ के बीच एक युवक चिल्लाता है, पेट्रोल लाओ, मैं आग लगा दूंगा. पुलिस का दावा है कि इस तरह की भड़काऊ बातें सुनकर अन्य प्रदर्शनकारी भड़क गये. वे डी आइ कार्यालय में इस तरह की किसी आगजनी की वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते तो भारी नुकसान होने की संभावना थी. इसके तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया गया. पुलिस उन्हें प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की, तभी प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने पुलिस पर हमला कर दिया. इसलिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में यही दावा किया है. गौरतलब है कि बुधवार को दक्षिण कोलकाता के कस्बा स्थित डीआइ कार्यालय के आसपास पुलिस पर हमला किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने मुख्यतः आत्मरक्षा में यह कदम उठाया. उन्होंने प्रदर्शनकारी को धक्का देकर भगा दिया. जब प्रदर्शनकारियों का एक वर्ग आक्रामक हो गया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को सामान्य किया.
इधर, लालबाजार ने गुरुवार को इस घटना पर डीसी (एसएसडी) बिदिशा कलिता से रिपोर्ट मांगी है. लालबाजार के सूत्रों ने बताया कि उनसे यह बताने को कहा गया है कि किन परिस्थितियों में यह घटना हुई. क्या इसके पीछे कोई साजिश थी, कितने प्रदर्शनकारी घुसे, पुलिस ने लाठी क्यों चलायी, पुलिस अधिकारी ने पैर क्यों चलाया? डीसी (एसएसडी) ने आज मामले की जांच की.
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और कई वीडियो मिले हैं. पुलिस को कैसे घेरा गया, किसने भड़काऊ टिप्पणियां कीं, कैसे रेलिंग लगी होने के बावजूद बैरिकेड तोड़ा गया, कैसे एक पुलिस अधिकारी और दो महिला कांस्टेबलों समेत पांच लोगों पर हमला कर उन्हें पीटा गया, इसकी जांच वीडियो फुटेज के जरिए की जा रही है.
इस बीच, कसबा थाने में इस घटना को लेकर पुलिस ने दो एफआइआर दर्ज किये गये हैं. पहला मामला कोलकाता पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दर्ज किया है. दूसरा मामला डीआइ कार्यालय के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया. सूत्रों के अनुसार पुलिस पर हमला, हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और साजिश रचने समेत कई आरोप दर्ज किये गये हैं. फुटेज देखने के बाद हमला करने वालों की तलाश जारी है. इसके अलावा पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना को किसने अंजाम दिया और उनका मकसद क्या था. लालबाजार के सूत्रों ने बताया कि कसबा थाने के पुलिस अधिकारी रिटन दास को लेकर भी विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है, जिन्हें शिक्षकों पर पैर उठाते देखा गया था.
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