उच्च न्यायालय ने छह सप्ताह का समय किया निर्धारित
संवाददाता, कोलकाता.
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विधाननगर नगर निगम क्षेत्र में अवैध होर्डिंग्स की पहचान करने और उसके आधार पर कार्रवाई करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है. न्यायमूर्ति सुजय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ ने आदेश दिया कि विधाननगर नगर निगम आयुक्त अवैध होर्डिंग्स से संबंधित मुद्दों पर विचार करें और छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई पर अंतिम निर्णय लें. आयुक्त विज्ञापन एजेंसियों की जानकारी की जांच के बाद निर्णय लेंगे. खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया कि निगम अधिकारी उन सभी होर्डिंग्स को हटा सकते हैं, जिन्हें अवैध और खतरनाक माना गया है. मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी. विज्ञापन एजेंसियों के वकीलों ने आरोप लगाया कि निगम ने अवैध होर्डिंग्स की पहचान किये बिना ही उन्हें हटाने के लिए कदम उठाया. एजेंसी के होर्डिंग्स, जिन्हें उचित अनुमति और कर के साथ लगाया गया था, हटाये जा रहे हैं. अदालत ने अंतिम निर्णय होने तक निगम के इस कदम पर रोक लगाने का आदेश दिया है. विधाननगर नगर निगम के वकील ने कहा कि वे फिलहाल होर्डिंग्स खोलने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. वादी पक्ष के वकील ने अनुरोध किया कि विधाननगर क्षेत्र को अवैध होर्डिंग्स से मुक्त किया जाये.
गौरतलब है कि विधाननगर में अवैध होर्डिंग्स को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में फिर से मामला दायर किया गया था. इससे पहले, उस मामले की सुनवाई में वादी पक्ष ने आरोप लगाया था कि विधाननगर क्षेत्र को अवैध होर्डिंग्स से पाटा जा रहा है. अदालत के पिछले आदेश का पालन किए बिना होर्डिंग्स के लिए नये ऑर्डर दिये जा रहे हैं और अवैध होर्डिंग कंपनियां भी इसमें ऑर्डर पाने की कोशिश कर रही हैं. अदालत ने निगम से एक रिपोर्ट तलब की कि अदालत के आदेश का पालन करने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं.
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