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कोई क्रूर व बर्बर है तो उसके प्रति मानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता : मुख्यमंत्री

आरजी कर कांड में फैसला आने के बाद राज्य सरकार दोषी संजय राय को फांसी देने की मांग को लेकर मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट पहुंची.

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संवाददाता, कोलकाता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को मालदा जिले के इंग्लिशबाजार में एक सरकारी कार्यक्रम में कहा कि समाज ‘अमानवीय’ व्यक्ति के प्रति ‘मानवीय’ दृष्टिकोण नहीं अपना सकता. मुख्यमंत्री ने यह बात आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में विशेष अदालत के फैसले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कही. मुख्यमंत्री ने कहा: मैं आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक की मौत के मामले में आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग करती आ रही हूं. अगर कोई इतना क्रूर और बर्बर है, तो समाज उसके प्रति मानवीय कैसे रह सकता है? हमने अपराजिता विधेयक पारित किया है, लेकिन केंद्र उसे लटकाए हुए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो वह व्यक्ति पैरोल पर रिहा हो सकता है. मैं अधिवक्ता रही हूं और मैंने कई मामले लड़े हैं. सियालदह अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है और मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता. अगर यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है तो और क्या है.

वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म, हत्या व अन्य उत्पीड़न की घटनाओं में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए अपराजिता कानून बनाया है, जिसे विधानसभा में पारित कर अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार के समक्ष भेजा गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक उक्त कानून को अनुमोदन नहीं दिया है.

मृत महिला डॉक्टर के पिता की अपील, सीएम अब कुछ न करें, उनकी पुलिस ने ही तो नष्ट किये सबूत

बैरकपुर. आरजी कर कांड में फैसला आने के बाद राज्य सरकार दोषी संजय राय को फांसी देने की मांग को लेकर मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट पहुंची. इस पर मृतका के पिता ने कहा है कि मुख्यमंत्री को अब इतनी तत्परता दिखाने की जरूरत नहीं. हमें जो करना है, करेंगे. वह (सीएम) अब आगे कुछ न करें. यही हमारा अनुरोध है. उनकी पुलिस ने ही तो पहले सारे सबूत नष्ट कर दिये. मृतका के पिता ने कहा कि उन्हें अब तक फैसले की कॉपी नहीं मिली है. कॉपी मिलने के बाद तय करेंगे कि उन्हें उच्च न्यायालय जाना है या नहीं. उन्होंने कहा कि सीबीआइ सटीक प्रमाण अदालत को नहीं दे पाया, जिस कारण संजय राय को फांसी नहीं हुई.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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