कोलकाता.
प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के बाद अब उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. स्कूल सेवा आयोग पर उच्च प्राथमिक के अभ्यर्थियों का अंक बढ़ा कर नौकरी दिलाने का आरोप लगा है. आरोप है कि लिखित परीक्षा में कम अंक पाने के बाद भी कई उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया और प्राप्त अंकों को बढ़ाकर नौकरी दी गयी. मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने इस मामले में शिक्षा सचिव से रिपोर्ट तलब की. न्यायाधीश ने यह भी आदेश दिया है कि जिस शिक्षक पर यह आरोप लगाया गया है, उसे भी मामले में शामिल किया जाये. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी. एक अभ्यर्थी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उसने 2016 में उच्च प्राथमिक परीक्षा में ओबीसी ए श्रेणी के तहत सहायक शिक्षक के पद के लिए आवेदन किया था. आयोग ने चार अक्तूबर, 2019 को मेरिट सूची प्रकाशित की, जबकि अंतिम पैनल 26 सितंबर, 2024 को प्रकाशित किया गया. पैनल के अनुसार, इतिहास विषय में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले जाकिर हुसैन ने साक्षात्कार से पहले कुल 78.68 अंक प्राप्त किये थे. परीक्षा का कट ऑफ अंक 75.733 था. इसके अलावा, जाकिर हुसैन के स्नातक परीक्षा में प्राप्त अंकों के अनुसार, उनके शैक्षणिक अंक 16 होने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 18 अंक दिये गये. याचिकाकर्ता रबीउल इस्लाम मंडल ने कहा कि आयोग ने जाकिर हुसैन के अंक गलती से बढ़ाये थे या जान-बूझकऱ इसकी जांच होनी चाहिए.गणेश चंद्र मजूमदार नामक एक अन्य अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि एक अभ्यर्थी को अतिरिक्त शैक्षणिक अंक दिलाकर साक्षात्कार में बैठाया गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

