संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल के 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्यव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के पूरा होने के बाद चुनाव आयोग राज्य के लिए मतदाता सूची का मसौदा मंगलवार को प्रकाशित करेगा. निर्वाचन अधिकारी अंतिम क्षणों की तैयारियों में जुटे हैं. आयोग के सूत्रों ने बताया कि सूची का मसौदा पहले ही बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के आंतरिक ऐप पर अपलोड कर दिया गया है. एक विशेष ऐप्लिकेशन के माध्यम से, बीएलओ बूथ-वार मसौदा सूची देख सकेंगे, जिससे प्रारंभिक सत्यापन में सुविधा होगी.राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने जिलास्तरीय वेबसाइट भी सक्रिय कर दी हैं, ताकि मतदाता अपने विवरण की मंगलवार से ऑनलाइन जांच कर सकें.
मसौदा मतदाता सूचियों का प्रकाशन गणना चरण के पूरा होने और दावे, आपत्तियों और सुनवायी वाले कहीं अधिक जटिल चरण की शुरुआत का प्रतीक होगा, जो फरवरी 2026 तक चलेगा. सभी मतदाताओं के लिए गणना प्रपत्र मुद्रित किये गये और बीएलओ ने घर-घर वितरित किये गये. आयोग ने बताया कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, पुडुचेरी और लक्षद्वीप की मतदाता सूचियों का मसौदा मंगलवार को प्रकाशित होगा.जायेगा.
विसंगति वाले मतदाता को सुनवाई के लिए बुलायेगा आयोग
विसंगति वाले मतदाताओं को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले सत्यापन के लिए बुलाया जायेगा. अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन के लिए अगले साल 14 फरवरी की तिथि अस्थायी रूप से निर्धारित है. राज्य में एसआइआर प्रक्रिया चार नवंबर को शुरू हुई थी. निर्वाचन आयोग ने 27 अक्तूबर को एसआइआर कार्यक्रम की घोषणा की थी, उस समय पश्चिम बंगाल के मतदाताओं की संख्या 7,66,37,529 थी.30 लाख मतदाता ‘नो-मैपिंग’ श्रेणी में रखे गये हैं
आयोग के आंकड़े से पता चलता है कि प्रक्रिया के दौरान 30 लाख से अधिक मतदाताओं को ‘नो-मैपिंग’ श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि उनके नाम 2002 की मतदाता सूचियों से संबद्ध नहीं पाये गये. इस समूह के लिए सुनवाई बुधवार से शुरू होने वाली है. इसके अलावा, लगभग 1.7 करोड़ मतदाताओं को अलग-अलग स्तर की पड़ताल में रखा गया है और मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित होने के बाद घर-घर जाकर उनकी जानकारी की दोबारा पुष्टि करने का काम बीएलओ को सौंपा गया है.मसौदा सूची में नाम आने का मतलब यह नहीं कि अंतिम मतदाता सूची में नाम रहेगा
नवीनतम स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, मसौदा मतदाता सूची में 58 लाख से अधिक नामों को हटाने के लिए चिह्नित किया गया है. ऐसा मुख्य तौर पर स्थान बदलने, मतदाता का पता नहीं चलने और ‘डुप्लिकेट’ मतदाता जैसी मानक श्रेणियों के तहत किया गया है. साथ ही इनमें उन लोगों के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने गणना प्रपत्र जमा नहीं किये हैं. बीएलओ अधिकार रक्षा कमेटी के एक सदस्य ने पत्रकारों को बताया: हमारा आकलन है कि मसौदा सूची में लगभग 59 लाख नाम हटाये गये के तौर पर दिखायी देंगे. निर्वाचन अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि मसौदा सूची में शामिल होने से अंतिम रूप से सूची में बने रहने की गारंटी नहीं मिलती और उन सभी मतदाताओं को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा, जिन पर सवाल उठाये गये हैं.
कैसे पता करेंगे, मसौदा सूची में नाम है कि नहीं
ड्राफ्ट लिस्ट में नाम है कि नहीं, यह जानने के लिए मतदाता अपने बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आयोग के ‘ECInet’ मोबाइल एप और आयोग की वेबसाइट पर भी देख सकते हैं. जानकारी के अनुसार, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 58 लाख 20 हजार 898 मतदाताओं के नाम हटने की आशंका है. इनमें 24,16,852 मृत वोटर हैं. 12,20,038 वोटरों का कोई अता-पता नहीं है. 19,88,076 वोटरों ने स्थान बदला है, जबकि 1,38,328 फर्जी वोटर हैं. इसके अलावा 57 हजार 604 मतदाता ऐसे हैं, जिन्होंने गणना फॉर्म नहीं भरा है. मतदाता ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित होने के चार से पांच दिनों के बाद मतदाताओं के एक श्रेणी को सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

