कलकत्ता हाइकोर्ट ने सुनाया फैसला
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट ने डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षुओं को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. न्यायमूर्ति विभाष पट्टनायक की पीठ ने कहा कि प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को वर्ष 2025 के प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा कि 25 सितंबर को नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी होने की तारीख से पहले जिन अभ्यर्थियों ने डीएलएड परीक्षा पास की है, सिर्फ वही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो पायेंगे. गौरतलब है कि डीएलएड की पढ़ाई कर रहे अभ्यर्थियों के एक समूह ने नयी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति देने की मांग करते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता राबेया खातून सहित अन्य अभ्यर्थियों की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अली अहसान आलमगीर ने कहा कि उनके मुवक्किलों ने वर्ष 2023 में टीइटी परीक्षा पास की थी. इनमें से कई उम्मीदवारों ने 2014 व 2017 का टीइटी भी पास किया है, लेकिन इन लोगों के पास बीएड की डिग्री है. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नियुक्ति के लिए डीएलएड उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. ऐसे में इन अभ्यर्थियों ने डीएलएड की पढ़ाई शुरू की है, लेकिन इसका रिजल्ट आना बाकी है. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि जब तक प्रशिक्षण पूरा नहीं हो जाता, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

