कोलकाता.
अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन के मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. अगर गठबंधन को लेकर परिस्थिति बनती है, तो राज्य नेतृत्व के साथ-साथ कांग्रेस आलाकमान से भी बात की जायेगी. माकपा के महासचिव एमए बेबी ने ये बातें कहीं. पार्टी की केंद्रीय कमेटी की शनिवार और रविवार को दिल्ली में बैठक हुई. वहां मतदाता सूची के पुनरीक्षण और बिहार चुनाव पर चर्चा हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि एक भी वास्तविक भारतीय नागरिक का नाम मतदाता सूची से छूटना नहीं चाहिए. पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को इस पर कड़ी नजर रखनी होगी. चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का सक्रिय रूप से विरोध करने के साथ-साथ माकपा केंद्रीय कमेटी ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस कार्य में भाग लेंगे. गौरतलब है कि पार्टी के भीतर पहले ही इस बात पर सवाल उठ चुके हैं कि क्या कांग्रेस के साथ गठबंधन से कोई फायदा होगा. माकपा की राज्य कमेटी की बैठक में उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों के नेतृत्व ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन फायदेमंद नहीं है. कांग्रेस के मतदाता वामपंथी उम्मीदवारों को वोट नहीं देते. कांग्रेस ने भी अभी तक गठबंधन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखायी है. इसके बावजूद माकपा का एक धड़ा राज्य में गठबंधन बनाने के लिए बेताब है. पार्टी के शीर्ष नेता बेबी ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं, इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दिकी ने गठबंधन को लेकर बातचीत में रुचि दिखायी है. वह जल्द ही वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बसु से भी मुलाकात करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

