हावड़ा स्टेशन से नाबालिगों का किया गया था अपहरण
हावड़ा. दो नाबालिगों का अपहरण कर उनकी तस्करी करने के मामले में हावड़ा के द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के जज सोमेश प्रसाद सिन्हा ने दंपती को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. दंपती को 10 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा, नहीं तो सजा की अवधि बढ़ जायेगी. यह जानकारी एपीपी अरिंदम मुखर्जी ने दी. उन्होंने बताया कि लिलुआ की रहने वाली एक नाबालिग वर्ष 2023 में 28 अप्रैल को शाम चार बजे अपनी एक सहेली के साथ घूमने के लिए निकली थी. हावड़ा स्टेशन पर दोनों की मुलाकात पूर्व परिचित सोनू प्रसाद और पिंकी प्रसाद से हुई. दंपती ने दोनों नाबालिगों को अपने झांसे में लेकर ट्रेन में बैठा दिया. दोनों को यह नहीं पता था कि दंपती उन्हें कहां लेकर जा रहे हैं. इसी बीच नाबालिगों ने दंपती को फोन पर यह कहते हुए सुना कि उनलोगों को देवरिया लेकर जाया जा रहा है. दूसरी तरफ, रात तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने लिलुआ थाने में शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर लिलुआ थाने की पुलिस ने एक लुकआउट नोटिस जारी करते हुए पूरे देश में नाबालिग की तस्वीर भेज दी. 29 अप्रैल दोपहर को दंपती दोनों नाबालिगों को लेकर उत्तर प्रदेश के देवरिया स्टेशन पर उतरे. यहां उतरते ही देवरिया थाने की पुलिस ने दपंती को गिरफ्तार करते हुए दोनों नाबालिगों को अपनी हिफाजत में ले लिया. यह खबर लिलुआ थाने को दी गयी. सूचना मिलते ही लिलुआ थाने की पुलिस परिजनों को लेकर देवरिया पहुंची. लिलुआ थाने की पुलिस गिरफ्तार दंपती को लेकर हावड़ा पहुंची और नाबालिगों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया. मामले की सुनवाई हावड़ा कोर्ट में शुरू हुई. छह गवाहों की गवाही ली गयी और सोमवार को कोर्ट ने दंपती को सजा सुना दी.
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