कोलकाता. सोमवार को कोलकाता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन की ओर से ट्राम सेवा शुरू होने के 150 वर्ष पूरे होने पर ट्राम का जन्म दिन मनाया गया. इस मौके पर केक काटकर इस दिन को यादगार बनाने की कोशिश की गयी. दूसरी तरफ महिलाओं ने शंख बजाकर ट्राम के दीर्घायु होने की कामना की. सोमवार को एक ट्राम को फुल मालाओं से सजा कर रवाना किया गया. एसोसिएशन द्वारा सजायी गयी ट्राम सुबह नौ बजे न्यू गरिया ट्राम डिपो से रवाना हुई. ट्राम अपने रूट से होते हुए धर्मतला ट्राम डिपो पहुंची. यहां ट्राम में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस मौके पर कोलकातावासियों ने ट्राम के साथ सेल्फी भी ली. दोपहर बाद यह ट्राम फिर श्यामबाजार के लिए रवाना हुई. कार्यक्रम में आये ट्राम प्रेमियों ने कहा कि यद्यपि ट्राम सेवा समय के साथ पुरानी हो गयी है, फिर भी यह भविष्य के लिए एक आरामदायक व प्रदूषण मुक्त सवारी हो सकती है. उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी 1873 को अंग्रेजों ने कोलकाता में ट्राम सेवा शुरू की थी. पहली ट्राम सियालदह से अर्मेनियम घाट के बीच चली. पहली सफर में ट्राम ने ढाई किलोमीटर की यात्रा पूरी की. सात साल बाद 1880 में लंदन में कलकत्ता ट्रामवेज कंपनी की स्थापना हुई. इसी कंपनी ने कोलकाता में ट्राम चलाने का जिम्मा सौंपा गया. प्रारंभ में ट्राम घोड़ागाड़ी की तरह चलती थी. लेकिन 1882 में प्रयोगात्मक तौर पर वाष्प इंजन से ट्राम चलाना शुरू किया गया. 1900 में कोलकाता में बिजली के जरिये ट्राम का परिचालन शुरू हुआ.
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