कोलकाता. भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ””एक्स”” पर पोस्ट कर पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है. उन्होंने शेख शाहजहां केस से जुड़े एक गवाह के साथ हुए हादसे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य में न्याय की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ी करती है. अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में दावा किया कि ट्रक को शेख शाहजहां का करीबी अब्दुल हलीम मोल्ला चला रहा था, जो अपने साथी नजरुल मोल्ला के साथ मौजूद था. मालवीय के मुताबिक, अब्दुल हलीम मोल्ला लंबे समय से सीबीआइ की वांछित सूची में भगोड़े के रूप में दर्ज है. उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में बंद शेख शाहजहां गवाहों को एक-एक करके निशाना बना रहा है, ताकि केस कमजोर हो जाये.
उन्होंने सवाल किया कि क्या इस सबके पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का संरक्षण है, क्योंकि राज्य की पुलिस और प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. शुभेंदु ने शेख शाहजहां से जुड़े मामलों को दूसरे राज्य में स्थानांतरण करने की उठायी मांग
वहीं, इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह घटना जेल से शेख शाहजहां के ””””इशारे”””” पर हुई. शुभेंदु ने मांग की है कि शेख शाहजहां के खिलाफ सभी मामलों को दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाये. शुभेंदु ने कहा, ””””शाहजहां के कहने पर यह घटना हुई है. भोला घोष कोई एक्टिव कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि तृणमूल के समर्थक हैं. फिर भी, शाहजहां ने यह घटना करवाई. इसी वजह से इस मामले को पश्चिम बंगाल से बाहर ले जाना चाहिए. शुभेंदु ने दावा किया है कि शाहजहां को जेल में कुछ खास सुविधाएं मिलती हैं. उनके अनुसार, ””””शाहजहां जेल में बैठकर फोन इस्तेमाल करता है. यह उसे प्रशासन देता है. जेल में बंद सभी तृणमूल नेता जेल से फोन इस्तेमाल करते हैं. वे जो चाहते हैं, उन्हें जेल के अंदर मिल जाता है. उन्होंने कहा कि शाहजहां जैसे लोग खतरनाक अपराधी हैं. अगर उन्हें बंगाल की जेल में रखा गया, तो भोलानाथ घोष पर भविष्य में फिर से हमला हो सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

