कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनको भाजपा फोबिया हो गया है. हर ओर उनको सिर्फ भाजपा ही दिख रहा है. चाहे सारधा मामला हो या नारदा. सभी में उनको भाजपा ही दिखती है. राज्य में कोई भी घटना होती है तो उनको अब सिर्फ भाजपा दिखती है.
श्री शाह ने वामदलों पर चुटकी लेते हुए कहा कि कहां मुख्यमंत्री के जुबान पर उनका नाम होना चाहिए, लेकिन अब उनको सिर्फ भाजपा ही सामने दिख रही है. सारधा व अन्य चिटफंड कंपनी के घोटाला मामले में उनके नेता-मंत्रियों ने गरीबों का रुपया लिया.
शाह ने कहा कि नारद स्टिंग ऑपरेशन में देखा गया कि उनके मंत्री, सांसद व विधायक घूस ले रहे हैं और यह आरोप नहीं, सच्चाई है. पूरे भारत ने वह वीडियो देखा है. तो इसमें भाजपा ने क्या किया. यह कुछ नहीं, ममता बनर्जी सिर्फ अपना मुंह बचाने में लगी हुई हैं. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी की संज्ञा दिये जाने पर श्री शाह ने कहा कि भाजपा कोई सांप्रदायिक पार्टी नहीं, बल्कि विकास की पार्टी है.
उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य सिर्फ देश का विकास करना है और यह ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा लेकर आगे बढ़ रही है. इसमें सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं है. जो लोग संप्रदाय को लेकर राजनीति करते हैं, वह ही ऐसा कह सकते हैं. बंगाल में वर्तमान सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. दुर्गापूजा के विसर्जन के लिए हाइकोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है.
शाह ने कहा कि सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं दी जा रही. रामनवमी व हनुमान जयंती पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही. भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है. लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के इस हिंसा का जवाब हम विकास के जरिये देंगे. भाजपा फिर से सोनार बांग्ला का पुनर्निर्माण करना चाहती है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बंगाल से सबसे अधिक सीट मिलेगी.
‘एबार बांग्ला’ का लक्ष्य
शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का अगला लक्ष्य अब बंगाल है और इसलिए भाजपा ‘एबार बांग्ला’ के नारे के साथ बंगाल में सांगठनिक शक्ति को मजबूत करना चाहती है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को लोगों के घर-घर जाकर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देने का अभियान शुरू किया. अब पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर केंद्र सरकार द्वारा बंगाल को दी गयी सुविधाओं व फंड के बारे में बतायेंगे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा करने के आरोप को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बंगाल सरकार को उतना फंड नहीं मिला था, जितना की भाजपा सरकार ने दिया है. 13वें वित्त आयोग के दौरान पश्चिम बंगाल को 1.03 लाख करोड़ रुपये का अनुदान मिला था, जिसे 14वें वित्त आयोग में वर्तमान सरकार ने बढ़ा कर 2.89 लाख करोड़ कर दिया है. इसके साथ ही अन्य योजनाओं के लिए भी दी जानेवाली राशि को केंद्र ने बढ़ाया है.