तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम देश में धर्म-निरपेक्ष दलों और पार्टियों को एकजुट करना चाहते हैं. धर्म निरपेक्ष ताकतों को साथ लाने में तृणमूल अहम भूमिका अदा करेगी. पुस्तिका का मसौदा तैयार कर लिया गया है. शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलने का इंतजार है. सांप्रदायिक राजनीतिक के खिलाफ अपील के अलावा पुस्तिका में तृणमूल सरकार की उपलब्धियां, नीतियां और सिंगूर भूमि अधिग्रहण की तफसील होगी. ममता बनर्जी ने राज्य में भगवा ब्रिगेड के उभार के खिलाफ तीन सूत्री कार्यक्रम तैयार किया है.
विपक्ष में अब भी एक खालीपन है. जैसे वक्त गुजरेगा, भाजपा विरोधी मंच की अपील गति पकड़ेगी. हम इस खालीपन को भरना चाहते हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जनादेश के बाद तृणमूल की लोकप्रियता बढ़ी है. तृणमूल नेता ने इस बात पर खेद जताया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 34 सीटें जीतने के बावजूद पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में कोई भूमिका नहीं निभा सकी, क्योंकि भाजपा को खुद ही बहुमत मिल गया था. तृणमूल 2014 के बाद बड़ी भूमिका नहीं निभा सकी. लेकिन वर्ष 2019 के बाद यह स्थिति नहीं होगी. चाहे धर्म निरपेक्ष मोर्चा हो या संघीय मोर्चा, तृणमूल के बिना भाजपा विरोधी मंच नहीं बन सकता.