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राज्य के 12 जिलों में बाढ़ का कहर, अब तक 49 मरे

कोलकाता/पानागढ़. बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवाती तूफान ‘कोमेन’ के चलते हुई भारी बारिश ने दक्षिण बंगाल के 12 जिलों में कहर बरपाया है. बाढ़ से राज्य में अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे भयावह स्थिति बर्दवान जिले की है. यहां बाढ़ से निपटने के लिए सेना बुला ली गयी है. […]

कोलकाता/पानागढ़. बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवाती तूफान ‘कोमेन’ के चलते हुई भारी बारिश ने दक्षिण बंगाल के 12 जिलों में कहर बरपाया है. बाढ़ से राज्य में अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे भयावह स्थिति बर्दवान जिले की है. यहां बाढ़ से निपटने के लिए सेना बुला ली गयी है. इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाढ़ की स्थिति से मुकाबले के लिए राज्य सचिवालय ‘नवान्न’ में उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने चार अगस्त से अपना प्रस्तावित उत्तर बंगाल दौरा स्थगित कर दिया. उधर, कोलकाता के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं.

शहर के निचले हिस्सों में सड़के लबालब होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में सड़क पर जलजमाव के चलते नाव चलानी पड़ी. मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे तक बारिश से राहत की उम्मीद नहीं है. पानागढ़ से मिली जानकारी के मुताबिक, निमA दबाव के कारण तीन दिनों से जारी

बर्दवान में सेना..
लगातार बारिश और विभिन्न नदियों के बढ़ते जल स्तर के कारण खतरे के निशान से ऊपर बह रही भागीरथी नदी, अजय नदी व दामोदर नदी ने भीषण रूप से तबाही मचायी है. बर्दवान जिले के 26 ब्लॉक बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. पीड़ितों की राहत के लिए अभियान चल रहा है. कालना महकमा में सबसे ज्यादा स्थिति भयावह हो जाने से सेना को उतारा गया है. कालना के बाढ़ग्रस्त इलाकों में सेना के जवान राहत कार्य चला रहे हैं. 26 हजार पीड़ितों को सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया गया. राज्य मंत्री स्वपन देवनाथ व जिला शासक डॉ सौमित्र मोहन आदि ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कटवा, कालना, मंतेश्वर, जमालपुर, मेमारी, पूर्वस्थली, रायना आदि ब्लॉक क्षेत्रों का दौरा किया. श्री देवनाथ ने बताया कि कालना में स्थिति भयावह होने पर सेना को राहत कार्य में लगाया गया है. हजारों की संख्या में कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं. रविवार को डीवीसी के मैथन डैम व पंचेत डैम से 50 हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है.
दुर्गापुर बैराज से 64 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया. जिसके कारण अजय नदी व भागीरथी नदी का जलस्तर और बढ़ गया है. जिला राहत व बचाव अधिकारी मृत्युंजय हलदर ने बताया कि एक जुलाई से लेकर रविवार तक जिले में बारिश का परिमाण 36.388 एमएम है. जिला शासक डॉ मोहन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्र में खाद्य सामग्री व दवा भेजी जा रही है. सभी प्राथमिक व ब्लॉक अस्पतालों को विशेष रूप से तैयार रखा गया है. सर्पदंश की दवा कास्टॉक बढ़ा कर रखा गया है. 26 ब्लॉक के 173 ग्राम पंचायत एवं छह नगरपालिका के 25 वार्डो में कुल 258 शिविर खोले गये हैं. इन शिविरों में 35,719 लोग रह रहे हैं. अब तक 1,513 घर क्षतिग्रस्त तथा 200 से ज्यादा घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गये हैं.

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