जीआरएसई ने पनडुब्बी रोधी युद्धपोत यार्ड 3020 ‘कवरत्ती’ भारतीय नौसेना को किया सुपुर्द
कोलकाता : रक्षा मंत्रालय की अधीनस्थ युद्धपोत निर्माण करनेवाली कंपनी गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने पनडुब्बी रोधी युद्धपोत यार्ड 3020 आइएनएस ‘कवरत्ती’ को भारतीय नौसेना को सुपुर्द किया. वर्ष 1960 में स्थापना के बाद से अब तक जीआरएसई द्वारा निर्मित और वितरित यह 104वां युद्धपोत है.
मंगलवार को जीआरएसई के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक, रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) वीके सक्सेना ने जीआरएसई में आयोजित एक कार्यक्रम के जरिए यह युद्धपोत जहाज के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर संदीप सिंह को सुपुर्द किया. मौके पर पूर्वी नौसेना कमांड के डी-448 के चेयरमैन व सीईओ कमोडोर डीके गोस्वामी, निदेशक (वित्त) एसएस डोगरा, शिपबिल्डिंग के डॉयरेक्टर आइएन(सेवानिवृत्त) कमांडेंट संजीव नैय्यर और कमांडेंट पीआर हरि, निदेशक (पर्सनल) के साथ जीआरएसई और भारतीय नौसेना के अन्य वरिष्ठ कई अधिकारी उपस्थित थे.
मौके पर श्री सक्सेना ने कहा कि कवरत्ती जीआरएसई द्वारा बनाये गये सबसे अधिक अत्याधुनिक है. जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत है, इसके 90 फीसदी पुर्जे स्वदेशी निर्मित हैं. यह युद्धपोत परमाणु, रसायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी बहुत ही बेहतर है. इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और यह दुश्मनों के दांत खट्टे कर सकता है. यह युद्धपोत उन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में से अंतिम है, जिनका निर्माण पी-28 परियोजना के तहत नौसेना के लिए किया गया.
इससे पहले जीआरएसई ने नौसेना को आइएनएस कमोर्ता, आइएनएस कदमत और आइएनएस किलतान तीन सिरीज, जो अच्छी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं सौंप चुका है. ये चौथा व इस सिरीज का अंतिम था, जो भारतीय नौसेना के लिए सौंपा गया. इसमें कई खूबियां हैं. यह दुश्मन के रडार को चकमा देनेवाला व उनकी रडार की पकड़ में नहीं आने वाला युद्धपोत है.