कोलकाता : केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भाषण देने की कला में माहिर उर्मिमाला बोस के खिलाफ सोशल मीडिया पर बनाये एक मीम की मंगलवार को ‘निंदा’ की. बोस ने ‘देश के मौजूदा मुश्किल हालात में’ जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारी वाम छात्रों की प्रशंसा में 22 सितंबर को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा था. 23 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक मीम में बोस पर लिंग भेद वाली एक अपमानजनक टिप्पणी की गयी थी. इस मीम पर कवि जॉय गोस्वामी और गायक श्रीकांत आचार्य समेत कई प्रतिष्ठित शख्सियतों ने नाराजगी जतायी.
मीम की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल में कहा : मैं इस तरह के मीम की कड़ी निंदा करता हूं. इस तरह का निंदनीय भद्दापन न किया जाये…’ गायक से नेता बने सुप्रियो ने कहा : मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता हूं और उन्होंने जो भी कहा, मैं उस पर जवाब दूंगा, जब मेरे पास समय होगा, लेकिन तब तक कृपया इस तरह का आपत्तिजनक गंदा खेल न खेला जाये. इससे पहले शहर में सांस्कृतिक जगत में काफी सम्मान रखनेवाली अनुभवी कलाकार ने मीम को ‘घृणास्पद’ बताया.
बोस ने कहा : ऐसी टिप्पणियां दुखदायी हैं लेकिन चूंकि मैं 73 वर्ष की हूं, तो युवा छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित हूं, जो मेरे पोते-पोतियों की उम्र के होंगे. भविष्य के खतरों को लेकर मेरी आशंकाएं हैं. उन्होंने दावा किया कि जादवपुर विश्वविद्यालय में पिछले सप्ताह हुए घटनाक्रमों पर उनका पोस्ट विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और एक व्यक्ति होने के नाते उनके विश्वास से उपजी थी. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्रों ने केंद्रीय मंत्री के साथ कथित तौर पर धक्कामुक्की की थी और उन्हें काले झंडे दिखाये थे.
बोस ने कहा : मैं प्रदर्शनरत वाम छात्रों के कृत्य पर फैसला नहीं सुना रही और न ही मेरे पास केंद्रीय मंत्री के आचरण पर निर्णय लेने का अधिकार है, जब उन्हें छात्रों ने कैंपस से जाने से रोका था. उन्होंने शुक्रवार को फेसबुक पर एक दोस्त के पोस्ट को साझा किया था, जिसमें जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रदर्शनरत छात्रों का समर्थन किया गया. उनके इस पोस्ट पर उनकी तस्वीर के साथ एक मीम बनाया गया, जिसमें लिंग भेदवाली अपमानजनक टिप्पणी की गयी. वहीं, सुप्रियो ने मंगलवार को एक अन्य ट्वीट में कहा : प्रिय उर्मिमाला दी, आपका धर्म वामपंथ हो सकता है, लेकिन आप जन्म से अंधी नहीं हैं. आपको सच क्यों नहीं दिखता या आप सच देखना नहीं चाहतीं.