कोलकाता : ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की दूसरी मंजिल पर स्थित डैनियल रूम की दीवारों पर दरारें दिखायी दी हैं. इन दरारों ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. इधर, इस स्मारक के सौ वर्ष पूरे होने को लेकर फाउंडेशन कार्यक्रम की तैयारियां कर रहे प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय हो गया है.
बताया जा रहा है कि ये दरारें भले ही सिर्फ इस कमरे में हों, लेकिन अब प्रशासन महल के बाकी हिस्सों को लेकर भी चितिंत है. किसी और खतरे या नुकसान से निपटने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल के प्रशासनिक निकाय ने महल की स्वास्थ्य जांच करवाने का फैसला लिया है. इसके लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों को बुलाया है.
90 के दशक में सीमेंट से भर दी गयी थी दरार :
जयंत सेनगुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पहली बार यह दरार 90 के दशक में नजर आयी थी. इस दरार को सीमेंट से भर दिया गया था.उन्होंने बताया कि हालांकि इन दरारों और उनकी मरम्मत को लेकर विक्टोरिया के रेकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे कहा जा सकता है कि लगभग 30 साल पहले विक्टोरिया मेमोरियल प्रशासन इसके बारे में कुछ नहीं जानता था.
तकनीकी समिति ने सबकुछ बताया ओके
क्यूरेटर ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस दरार के बारे में पता चला. उन्होंने विक्टोरिया महल की तकनीकि टीम को तत्काल मौके पर भेजा. उन्होंने मौके का मुआयना करके यह आश्वास्त किया है कि दरार अब और नहीं बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि तकनीकी समिति के आश्वासन के बाद भी सीबीआरआइ को बुलाया गया है, ताकि विक्टोरिया महल का पूरा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा सके.
अब सीबीआरआइ के विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर आगे होगी कार्रवाई
विक्टोरिया अधिकारियों ने बताया कि सीबीआरआइ विशेषज्ञ अगले दो वर्षों में हॉल और आसपास के हर कोने की जांच करेंगे. खासकर यहां की मिट्टी का परीक्षण के अलावा विक्टोरिया महल के आसपास फैले बगीचे में मिट्टी का भी परीक्षण किया जायेगा. परीक्षण से पता चलेगा कि दक्षिण-मध्य कोलकाता के इस क्षेत्र में नरम मिट्टी का कितना भार वहन करने में सक्षम है. सीबीआरआइ विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर विक्टोरिया महल को लेकर आगे फैसला लिया जायेगा.