कोलकाता : केंद्र सरकार पर राफेल घोटाले और राज्य सरकार पर सारधा-नारधा घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की ओर से राज्य भर में कानून भंग आंदोलन किया गया. इसके तहत जहां बालुरघाट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने का आरोप है. वहीं, अलीपुर डीएम कार्यालय में पुलिस के साथ जमकर धक्कामुक्की हुई.
दक्षिण दिनाजपुर के बालुरघाट में हुए कानून भंग आंदोलन में अजीम खान, शंकर मालाकार के अलावा छात्र परिषद के महासचिव सौरभ प्रसाद सहित अन्य शामिल हुए. जिला प्रशासनिक भवन के सामने राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बड़ी तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए थे. पुलिस के बैरीकेड को तोड़कर प्रशासनिक भवन में प्रवेश करने की कोशिश करने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बाधा पहुंचायी. इसके बाद पुलिस के साथ धक्कामुक्की शुरू हो गयी.
स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया. इससे आंदोलनकारियों में भगदड़ मच गयी. हालांकि पुलिस ने लाठीचार्ज के आरोप को खारिज किया है. सौरभ प्रसाद ने दावा किया कि पुलिस ने बगैर उकसावे के लाठीचार्ज शुरू कर दिया. इससे 10 आंदोलनकारी घायल हो गये.
दूसरी ओर, दक्षिण 24 परगना जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता अलीपुर पोस्ट ऑफिस के सामने दोपहर करीब एक बजे जमा हुए. उनका नेतृत्व कांग्रेस नेता दीपा दासमुंशी कर रही थीं. मौके पर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाये गये.
पुलिस के मुताबिक दोपहर तीन बजे अचानक प्रदर्शनकारी बगैर इजाजत के पुलिस के कॉर्डन को धता बताते हुए दक्षिण 24 परगना के डीएम कार्यालय में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे. इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की जमकर धक्कामुक्की हुई. प्रदेश कांग्रेस का आरोप है कि यहां भी पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया.
दीपा दासमुंशी, तपन अग्रवाल, अमजद अली सहित पुलिस ने कुल 75 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. इनमें 69 पुरुष व छह महिलाएं हैं. इधर, बोलपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा के नेतृत्व में भी डीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया.
बालुरघाट और अलीपुर में पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस की ओर से आगामी 24 जनवरी को राज्य भर में काला दिवस मनाने की घोषणा की गयी है. इधर, दक्षिण कोलकाता जिला कांग्रेस की ओर से माझेरहाट ब्रिज के करीब से खिदिरपुर के फैंसी मार्केट तक एक जुलूस निकाला गया.
प्रदीप प्रसाद के नेतृत्व में निकाले गये इस जुलूस के जरिये केंद्र सरकार पर राफेल घोटाले का आरोप लगाते हुए मामले की संयुक्त संसदीय कमेटी द्वारा जांच कराये जाने की मांग की गयी.