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कोलकाता : देश की रक्षा को तैयार है नौसेना

कोलकाता : भारतीय नौसेना हिंद महासागर में सभी घटनाओं पर नजर रख रही है और वह देश की रक्षा व समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए तैयार है. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ नौसेना का पूर्वी बेड़ा और अधिक सक्षम और शक्तिशाली होगा. समय के साथ नौसेना पूर्वी कमान की क्षमता और ताकत में […]

कोलकाता : भारतीय नौसेना हिंद महासागर में सभी घटनाओं पर नजर रख रही है और वह देश की रक्षा व समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए तैयार है. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ नौसेना का पूर्वी बेड़ा और अधिक सक्षम और शक्तिशाली होगा. समय के साथ नौसेना पूर्वी कमान की क्षमता और ताकत में भी बढ़ोतरी हो रही है. देश में ही बनाये जा रहे विमानवाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) आइएनएस विक्रांत काफी महत्वपूर्ण है.
इसका समुद्री परीक्षण संभवत: वर्ष 2020 के मध्य में हो. नौसेना रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है. उम्मीद है कि वर्ष 2023 में नौसेना के पूर्वी कमान की ताकत समुद्री ताकत, हवाई मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी. यह बात नौसेना पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर (एफओसीइएफ) व नौसेना पदक प्राप्त रियर एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को कहा.
वे नौसेना सप्ताह दिवस पर खिदिरपुर डॉक में लाये गये आइएनएस सुमेधा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत प्रधान रूप से एक समुद्र से घिरा राष्ट्र है और इसका 90 प्रतिशत से अधिक का कारोबार समुद्री मार्ग के जरिये होता है. भारतीय नौसेना जरूरत पड़ने पर हर परिस्थिति में देश के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है.
हिंद महासागर में चीनी नौसेना के जहाजों सहित अन्य देशों की नौसेना की मौजूदगी को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा नौसेना हिंद महासागर में जो कुछ भी घटित हो रहा है, उस पर नजर बनाये हुए है. हर देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये जरूरी काम करने व कदम उठाने का अधिकार है. यदि बात हमारे देश की सुरक्षा की हो तो नौसेना किसी भी स्तर में पीछे नहीं है. भारतीय नौसेना देश के समुद्री हितों और समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है और वह हर स्थिति से निबटने को तैयार है.
उन्होंने कहा है कि देशवासियों को गर्व होना चाहिये कि भारत अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे देशों में शामिल हो जायेगा जिनके पास विमानवाहन पोत निर्माण की क्षमता होगी. भारतीय नौसेना ने अब मिशन आधारित तैनाती की रणनीति अपनायी है. भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा की प्रमुख जिम्मेदारी निभाती है, जिसमें अपतटीय और तटीय सुरक्षा शामिल है.
कुछ वर्षों में नये व आधुनिक पोत के शामिल होने से नौसेना का पूर्वी बेड़े की ताकत और क्षमता में वृद्धि हुई है, जिसमें शिवालिक वर्ग के स्टेल्थ फ्रिगेट और कामोरोटा वर्ग के एंटी-सबमेरिन कोर्वेट शामिल हैं. संवाददाता सम्मेलन के दौरान आइएनएस सुमेधा के कमांडिंग ऑफिसर मनिंद्र मोहन शुक्ला समेत अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे.
इस बार नौसेना दिवस के उपलक्ष्य में कोलकाता के खिदिरपुर डॉक के जेटी 11 में लंगर किये गये नौसेना बेड़े में शामिल आइएनएस सुमेधा और आइएनएस क्रिच का लंगर किया है, जिन्हें स्कूल के बच्चों, राज्य के मतस्य कारोबार से जुड़े लोगों, राज्य व केंद्र सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मियों व सेवानिवृत्त कर्मी और उनके परिजनों को देखने का मौका मिला. आइएनएस सुमेधा एक बहुउद्देश्यीय तटीय गश्ती जहाज है और आइएनएस क्रिच एक मिसाइल युद्धपोत है.

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