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कोलकाता : वामपंथियों के जुलूस में तृणमूल ने भेजे थे अपने लोग : दिलीप घोष
कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने वामपंथी संगठनों के आह्वान पर सिंगूर से निकले किसानों के जुलूस को तृममूल कांग्रेस द्वारा प्रायोजित बताया. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब वामपंथियों को ऑक्सीजन देने के लिए उनकी सभा और जुलूस में अपने लोगों को भेज कर वामपंथी […]
कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने वामपंथी संगठनों के आह्वान पर सिंगूर से निकले किसानों के जुलूस को तृममूल कांग्रेस द्वारा प्रायोजित बताया. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब वामपंथियों को ऑक्सीजन देने के लिए उनकी सभा और जुलूस में अपने लोगों को भेज कर वामपंथी मतदाता जो भाजपा में आ रहे हैं, उनको झांसा देने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि पहले पश्चिम बंगाल में वामपंथी खुद के पैरों पर खड़ा तो हो, तब उनसे मुकाबला करने की बात आयेगी. उन्होंने कहा कि वामपंथियों के अंदर इतना ही दम होता तो वह लोग पंचायत चुनाव में अपनी ताकत दिखाते.
उनके वरिष्ठ नेताओं जिनकी कभी तूती बोलती थी, उनको तृणमूल के लोग पटक कर मारे, सर भी फोड़े तब तो इनकी जुबान नहीं खुली. कांति गांगुली, सुजन चक्रवर्ती और रबीन देव जैसे नेताओं को बुरी तरह से पीटा गया. उस वक्त वामपंथी अपनी दुम दबा कर कहां बैठे थे. ये क्या ममता का मुकाबला करेंगे. दरअसल ममता बनर्जी वामपंथियों को ऑक्सीजन देने के लिए अपने लोगों को वहां भेजकर यह दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि पश्चिम बंगाल में वामपंथी अभी भी बचे हुए हैं.
नदिया में जहरीली शराब पीकर 12 लोगों के मरने की घटना पर अपनी राय देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी. हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता मौके पर गये हैं और वह लोगों की राय जान रहे हैं. पश्चिम बंगाल में बार-बार इस तरह की घटना हो रही है. कभी भगाड़ के सड़े मांस को लोगों को खिलाने का मामला हो रहा है तो कभी जहरीली शराब पिलाकर लोगों को मारने की घटना. ममता बनर्जी मृतकों के परिवार को दो लाख रुपए देकर अपने का पाक साफ साबित नहीं कर सकती हैं.
दरअसल बंगाल में सरकार और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है. ममता बनर्जी जंगलमहल बचाने के लिए वहां जा रही हैं, लेकिन अन्य जगहों पर लोगों की जान जा रही है.
हकीकत यह है कि जंगलमहल में आठ लोग भुखमरी से मर गये. ममता बनर्जी इसको अफवाह बता रही हैं तो सवाल उठता है कि अगर यह सच नहीं है तो वह वहां पर लोगों को खाना पका कर क्यों खिला रही हैं? क्यों बार-बार जंगल महल में इस तरह की घटना घट रही है, जिसके घर के लोग मर रहे हैं, उनके बच्चों को तुरंत सरकारी होम में ले जाकर रख दिया जा रहा है, ताकि हकीकत लोगों के सामने नहीं आ सके. अगर कोई मीडिया इस खबर को दिखा रहा है तो उसको डराया जा रहा है.
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