कोलकाता : कोलकाता की दुर्गापूजा तो विश्व प्रसिद्ध है. पंडालों की भव्य और विशेष छटा कोलकाता और पश्चिम बंगाल को नवरात्रि के दौरान खास बनाते हैं. प्रत्येक वर्ष हर पूजा पंडाल कोई ना कोई एक खास थीम पर आधारित रहता है, लेकिन इस बार कुछ खास होने वाला है. पहली बार कोलकाता की दुर्गापूजा में चीन की संस्कृति को हिस्सा बनाया गया है. सॉल्टलेक के बीजे ब्लॉक पंडाल में न केवल चीनी संस्कृति की झलक दिखेगी व चीनी कला व नृत्य का भी प्रदर्शन किया जायेगा.
पंडाल में दिखेगा ड्रैगन डांस
चार दिवसीय पूजा के दौरान पंडाल में ड्रैगन डांस, चाइनिज संगीत और रोमेटिक्स कला का आनंद उठाने का मौका मिलेगा. इसके लिए चीन से विशेष कलाकार बुलाये गये हैं. इस पूजा को करने में लगभग 50 लाख की रकम लगी है. दुर्गोत्सव समिति के सचिव उमाशंकर घोष ने बताया कि उनकी पूजा समिति 1983 से पूजा कर रही है.
इस बार उनकी पूजा 35वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. जब उन्होंने पहली बार पूजा की शुरुआत की थी. उस वक्त केवल उनकी पूजा का बजट 20,000 रुपये का था, जबकि इसबार पूजा में 50 लाख रुपयों की लागत लगी है. उमाशंकर ने कहा, लोगों को इस बार का थीम काफी पंसद आयेगा. कोलकाता में चीन की संस्कृतियों को देखने का मौका मिलेगा.
राज्यपाल ने किया उद्घाटन
सॉल्टलेक के बीजे ब्लॉक में स्थित पूजा पंडाल का कोलकाता स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास और पश्चिम बंगाल के दुर्गापूजा महोत्सव की आयोजन कमेटी ने उद्घाटन समारोह का आयोजन किया. इस अवसर पर कोलकाता स्थित महावाणिज्य दूत मा झानवू दंपती, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, स्थानीय विभिन्न तबकों के लोग, प्रवासी चीनी और चीनी कारोबारों के प्रतिनिधि आदि करीब 20 हजार लोग उपस्थित थे.
भारत व चीनी के बीच बढ़ेगा सद्भाव : झानवु
महावाणिज्य दूत मा झानवू ने कहा कि दुर्गापूजा जैसे कार्यक्रमों में सहयोग से दोनों देशों के बीच मैत्री बढ़ेगी. प्राचीन काल से चीन और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही बरकरार रखी है. इस साल के अप्रैल माह में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वूहान भेंट वार्ता में द्विपक्षीय सांस्कृतिक आवाजाही को मजबूत करने पर अहम सहमति प्राप्त की है. नये युग में चीन और भारत मिल कर एशिया में बदलाव लेकर आयेंगे. दोनों देशों के नेताओं के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान प्रदान से द्विपक्षीय सहयोग बढ़ सकेगा.
