कोलकाता : भारत विकास की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. एक समृद्ध, सशक्त और संपन्न भारत के निर्माण में युवाओं की भागीदारी जरुरी है. ये बातें लक्ष्मणगढ़ नागरिक परिषद की ओर से मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान के लिए आयोजित समाराेह में राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कही. उन्होंने छात्रों को सफलता के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करने व उस पर डटे रहने की सीख दी. साथ ही अपने लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करते हुए सद्गुणों को इसका माध्यम बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जीवन में दृढ़ निश्चयी कभी निराश नहीं होते. शिक्षा सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन का आधार होती है. शिक्षा अच्छे मानव के निर्माण की आधारशिला है.
इस अवसर पर हेरिटेज ग्रुप के निदेशक व प्रसिद्ध उद्योगपति हरिकिशन चौधरी ने बच्चों को सीख देते हुए कहा कि शिक्षा के बिना सब कुछ अधूरा है.
अग्रसेन विद्यालय समूह के निदेशक वासुदेव टिकमानी ने समाज के उत्थान के लिए मिलकर आगे आने की अपील की व बच्चों को कागचेष्टा वकोध्यानम की उक्ति पर अमल करते हुए अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त करने की अपील की. एक विद्यालय के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयदीप चितलंगिया ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभव को सांझा करते हुए राष्ट्र के समग्र निर्माण के लिए शिक्षा की आवश्यकता बतायी. उन्होंने कहा कि 1989 में 10 विद्यालयों से आरंभ यह संस्था 2020 तक एक लाख की संख्या पार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. जो कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार देने की दिशा में अग्रसर है.
कार्यक्रम के अन्य प्रमुख वक्ताओं में मनीषी साहित्यकार प्रेम शंकर त्रिपाठी, श्याम स्टील के निदेशक व युवा उद्योगपति ललित बेरीवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की कविता ‘कदम मिलाकर चलना होगा, बाधाएं आती हैं आए…’ के साथ छात्रों का उत्साहवर्धन किया. साथ ही संस्था को अपने गांव के साथ कर्मक्षेत्र बंगाल में भी समाज के लिए काम करने की अपील की.
लक्ष्मणगढ़ नागरिक परिषद प्राकृतिक आपदाआें में मदद, होम्योपैथिक चिकित्सालय, सुकन्या विवाह योजना, स्कूलों में शौचालय का निर्माण, त्यौहारों पर वस्त्र वितरण, कचरा संग्रह वाहन, छात्रवृति योजना जैसे अनेकों समाजसेवा मूलक कार्यों के साथ समाज सेवा के गुरत्तर दायित्व के निर्वहन में जुटा रहता है.
इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में मंच संचालक राजेंद्र व्यास, रवि वर्मा, अध्यक्ष कैलाश बगड़िया, मंत्री अशोक चुड़ीवाला, अनिल मुरारका, रमेश चोखानी, संतोष जाजोदिया, जयप्रकाश राठी, दिलीप डिडवानिया, रघुनाथ प्रसाद लाखोटिया, जयप्रकाश राठी, राजकुमार पारीक, विष्णु भूत, पवन गोयनका, प्रमोद चमड़िया, निर्मल सराफ, पवन टेकरीवाल, सुरेंद्र चमड़िया, संदीप तोदी, महेश सोनी, रुपेश सोमानी, नीलेश जालान, सुरेंद्र शर्मा, आनंद राठी, योगेश काबरा, विजय जालान, अंकुर चूड़ीवाला, अभिषेक राठी, मारुती माहेश्वरी व सुषमा राठी सक्रिय रहे.