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बेटियों की शिक्षा को सुगम बनाने में स्कीपर का उल्लेखनीय योगदान
कोलकाता : स्कीपर फाउंडेशन की ओर से बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत राजभवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के हाथों 25 स्कूलों की 1102 छात्राओं को विशेष स्कॉलरशिप प्रदान की गयी. पिछले साल फाउंडेशन ने 700 छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान की थी. इस अवसर पर प्रधान अतिथि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने […]
कोलकाता : स्कीपर फाउंडेशन की ओर से बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत राजभवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के हाथों 25 स्कूलों की 1102 छात्राओं को विशेष स्कॉलरशिप प्रदान की गयी. पिछले साल फाउंडेशन ने 700 छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान की थी. इस अवसर पर प्रधान अतिथि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने स्कीपर फाउंडेशन के सारस्वत-उपक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेटियों की शिक्षा को सुगम बनाने में इस संस्थान का योगदान स्तुत्य है.
संस्थान के प्रणेता स्व. साधुराम बंसल एवं मैनेजिंग ट्रस्टी सजन कुमार बंसल दोनों शिक्षानुरागी रहे हैं और इस दिशा में इन्होंने हजारों लोगों को पाथेय प्रदान किया है. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा युगीन आवश्यकता है. बेटों के साथ-साथ बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा यानी संस्कार भी दिए जाने चाहिए. इस प्रसंग में उन्होंने स्कीपर समूह और एकल विद्यालय अभियान के योगदान का भी जिक्र किया.
राज्यपाल श्री त्रिपाठी ने कहा कि स्कीपर घराने की ओर से सोदपुर में कामधेनु गोशाला एवं अनुसंधान केंद्र का भी वैज्ञानिक सोच के साथ निर्माण कराया गया है. झारखंड के देवघर में भी यह घराना विशाल स्कूल का संचालन करने के साथ-साथ दुम्मा क्षेत्र के सर्वागीण विकास पर जोर दे रहा है. वहां कौशल विकास (स्कील डेवलपमेंट) के कई प्रकल्प चलाए जा रहे हैं.
हाल ही में झारखंड की राज्यपाल ने स्कीपर घराने द्वारा प्रवर्तित 100 एकल विद्यालय, एकल श्री हरिदर्शन रथ, कम्प्युटर ऑन व्हील्स आदि का लोकार्पण किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर स्व. साधुराम बंसल की धर्मपत्नी राममूर्ति बंसल को अपनी ओर से विशेष उपहार देकर सम्मानित किया.
समारोह के प्रारम्भ में स्कीपर फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी सजन कुमार बंसल ने कहा कि बेटियों की शिक्षा को सुगम बनाने के लिए उनके पिता स्व. साधुराम बंसल हमेशा प्रयत्नशील रहते थे. उनकी प्रेरणा से ही स्कीपर समूह छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान कर विनम्र शिक्षा-सहयोग प्रदान कर रहा है. उन्होंने बेटियों से आह्वान किया कि और अधिक मेहनत करके सफलता का कीर्तिमान स्थापित करें.
श्री बंसल ने कहा कि छात्राएं पढ़-लिखकर अपने कैरियर तथा अपने जीवन में निरंतर ऊंचाइयों का स्पर्श करें, तभी देश आगे बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि फाउंडेशन की ओर से दस हजार लोगों को कौशल विकास (स्कील डेवलपमेंट) योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित करके स्वावलंबी बनाने का काम भी किया गया. इसमें पुरुष-महिलाएं सभी थे.
नृत्यांगना तनुश्री शंकर एवं हिमालय की चोटी फतह करने वाली प्रथम भारतीय महिला प्रेमलता अग्रवाल ने भी अपने सम्बोधनों में बेटियों की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के कर-कमलों से स्कीपर फाउंडेशन के सेवामूलक कार्यों पर विशेष डाक टिकट जारी किया गया. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अरूंधती घोष भी उपस्थित थीं. विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने हम होंगे कामयाब गीत की भव्य प्रस्तुति दी.
छात्राओं ने प्रेरणा का माध्यम बनीं विशिष्ट भारतीय महिलाओं का वेश धारण कर लोगों का मन मोह लिया. शिक्षा, उद्योग, समाज, कला-संस्कृति क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियां भी इस अवसर पर मौजूद थीं. समारोह को सफल बनाने में शरण बंसल, सुभाष मुरारका, रश्मि बंसल सहित कई सक्रिय थे. सुमेधा बंसल ने अतिथियों का आकर्षक परिचय दिया, जबकि देवेश बंसल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन कुशल संचालन प्रकाश चंडालिया ने किया.
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