कोलकाता : पश्चिम बंगाल ने पहली बार ‘टी-20’ बंद देखा. वाम मोर्चा ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया था. यह बंद महज 6 घंटे का था. पंचायत चुनाव से पहले हिंसा के विरोध में वाम मोर्चा का यह राज्यव्यापी बंद बेअसर रहा. बंद शुक्रवार (13 अप्रैल, 2018) सुबह छह बजे से शुरू हुआ था. इस दौरान किसी अप्रिय स्थित से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे. लोगों की सुविधा के लिए सार्वजनिक यातायात तड़के से ही सड़कों पर मौजूद रहे, उड़ान सेवाएं सामान्य रहीं.
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दक्षिण पूर्वी रेलवे तथा पूर्वी रेलवे के उपनगरीय खंडों पर रेल सेवाएं सामान्य रहीं. बंद का असर मेट्रो सेवा पर भी नहीं पड़ा. शिक्षण संस्थान खुले रहे, वहीं कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा सीबीएसइ के अधिकारियों ने कहा है कि बंद के कारण परीक्षा का कार्यक्रम परिवर्तित नहीं किया जायेगा.
राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ब्रत्य बसू ने कहा, ‘स्थित सामान्य और शांतिपूर्णहै. लोग आम दिन की तरह बाहर निकल रहे हैं. कोई बंद नहीं है.’ बसु ने अपने विधानसभा क्षेत्र में सुबह स्थिति का जायजा लिया. वहीं कोलकाता पुलिस ने कहा है कि शहर में सामान्य स्थिति को बिगाड़ने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जायेगी. ऐसा करने वाले किसी के भी खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को कार्यालयों में मौजूद रहने को कहाथा. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके कहा था कि भोजनावकाश के पहले अथवा बाद के लिए किसी की भी सीएल मंजूर नहीं की जायेगी.